समाचार चैनलों में नंबर एक कौन इसको लेकर आपसी खींचतान अब एक दूसरे को नीचा दिखाने के युद्ध में बदल गया है। इसमें नंबर एक का ताज किसके सिर रहेगा ये आमतौर पर रेटिंग एजेंसी बताती है लेकिन उसमें फर्जीवाड़े का जो दावा मुंबई पुलिस ने किया है उससे उसकी विश्वसनीयता पर धब्बा लग गया है। लिहाजा तथाकथित चाय-बिस्कुट पत्रकारिता और टीआरपी के फर्जीवाड़े ने न्यूज चैनलों को ही न्यूज बना दिया है।
इस टीआरपी पर इतना हंगामा क्यों है भाई?
न्यूज चैनलों की आपसी लड़ाई में पुलिस के खुलासे ने आग में घी का काम किया है। टीवी के दो समूह आज तक और रिपब्लिक टीवी भिड़े हुए हैं। एक तरफ एफआईआर कॉपी है जिसमें इंडिया टुडे का नाम दर्ज है तो दूसरी तरफ पुलिस आयुक्त ने खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस करके रिपब्लिक टीवी का भंडाफोड़ करने का दावा किया।
Watch | "Mumbai Police has been alerted about a new racket involving false TRP": Paramvir Singh, Mumbai Police Commissioner briefs media pic.twitter.com/GM5RYpvFMX
— NDTV (@ndtv) October 8, 2020
वैसे इन चैनलों की लड़ाई एक दिन में शुरू नहीं हुई। वर्षों से नंबर वन रहे आज तक को जब रिपब्लिक टीवी ने पछाड़ा तो एक सुगबुगाहट दोनों खेमों में शुरू हुई।
#RepublicNumber1 | It’s the new normal! @AajTak is a distant number 2 and @IndiaToday has outdone itself at 6% at 9pm. Take our advice, @IndiaToday @AajTak @AroonPurie, the breathing exercises will help your troubled news teams make peace with this #NewNormal! pic.twitter.com/Poe66U8kzd
— Republic (@republic) September 10, 2020
दिलजले के आरोपों का जवाब देने में एक सर्कस ही रंग गया। ये सर्कस हर गुरुवार को टीवी और सोशल मीडिया पर रंगने लगा। इंडिया टुडे रिपब्लिक टीवी को चुनौती देता है, और रिपब्लिक चैनल अपने रेटिंग्स के बल पर उनकी दिन भर खिंचाई करता रहता है। अभी कुछ ही दिनों पहले अर्नब गोस्वामी को राहुल कंवल ने भारत के Joseph Goebbels (जोसेफ गोएबेल्स) की संज्ञा दी थी, जो नाजी जर्मनी के प्रोपेगैंडा मंत्री हुआ करते थे।
गैर सरकारी संस्थाओं की पीर, विदेशी फंड पर सरकारी तीर
Goebbels attacks with vicious lies. We replied with the truth. Unearthing the truth takes time because it’s not as easy as making up ‘facts!’ But in the end, truth has a way of surfacing. If Rs 15 cr was never paid, how could it be ‘stolen.’ India can not become a #BananaRepublic
— Rahul Kanwal (@rahulkanwal) September 7, 2020
राहुल कंवल अकेले नहीं है, जिन्हें रिपब्लिक की ज़बरदस्त ट्रोलिंग का शिकार बनना पड़ा हो। एक समय पर अर्नब गोस्वामी के बॉस रहे राजदीप सरदेसाई को भी काफी आलोचना का सामना करना पड़ा है। राजदीप सरदेसाई ने रिपब्लिक पर तंज कसते हुए उसे ‘बनाना रिपब्लिक’ की संज्ञा दी है।
First time?😄#BananaRepublic https://t.co/TZqIPv3o48
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) September 7, 2020
Some news channels tried to turn India into a #BananaRepublic but you saw through their lies. At India Today, we are grateful for your trust in us and our fearless ground reporting.
You made #IndiaWinToday! pic.twitter.com/F75yINxcLx— Rahul Kanwal (@rahulkanwal) October 9, 2020
न्यूज चैनलों के बीच चल रहा यह युद्ध समाचार माध्यमों के बीच नया नहीं है। इसके पहले समाचार पत्र विरोधी पेपर की सारी कांपियां खरीदने, स्टैंड से गायब करवाने और विक्रेता को अपने पक्ष में करके न बेचने देने के आरोपों का सामना कर चुके हैं।
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