Indian Army ने 29 मई को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) शांति सैनिकों के 76वें अंतरराष्ट्रीय दिवस परराष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करके शहीद साथियों को श्रद्धांजलि दी। आज ही के दिन 1948 में पहले संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन ‘यूएन ट्रूस सुपरविजन ऑर्गनाइजेशन (यूएनटीएसओ)’ ने फिलिस्तीन में ऑपरेशन शुरू किया था। हर साल इस दिन संयुक्त राष्ट्र और दुनिया भर के देश उन सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हैं, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में सेवा करके शांति के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है।
मंत्रालय के कर्मचारियों ने अर्पित की पुष्पांजलि
उप सेना प्रमुख (सूचना प्रणाली एवं समन्वय) लेफ्टिनेंट जनरल राकेश कपूर, संयुक्त राष्ट्र संगठन के अधिकारी, रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के कर्मचारियों ने पुष्पांजलि अर्पित की। संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के अभियानों में योगदान की समृद्ध विरासत के साथ भारतीय सैनिकों का सबसे बड़ा योगदान है। भारत के लगभग 2,87,000 सैनिकों ने शांति अभियानों में सेवाएं दी हैं। भारतीय सेना के जवानों ने कठिन, चुनौतीपूर्ण इलाकों और परिचालन स्थितियों में काम करते हुए संयुक्त राष्ट्र के आदेशों को कायम रखने के लिए सर्वोच्च बलिदान देने तक अनुकरणीय साहस और वीरता का परिचय दिया है।
शांति सुनिश्चित करने के लिए सर्वोच्च बलिदान
अब तक 160 भारतीय सेना के जवानों ने दुनिया भर में शांति सुनिश्चित करने के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। वर्तमान में भारतीय सशस्त्र बल नौ देशों में शांति अभियानों में तैनात हैं। संयुक्त राष्ट्र, मेजबान देशों और साझेदार देशों के लिए क्षमता विकास में भारत सबसे आगे रहा है। इसके अलावा भारतीय सेना की पशु चिकित्सा टुकड़ियों ने विभिन्न संयुक्त राष्ट्र मिशनों में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। सूडान में पशु चिकित्सा टुकड़ी के कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल गुरप्रीत सिंह बाली ने अबेई में पशुधन के स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार लाने के प्रयास किये हैं, जिनकी संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय ने भी सराहना की है।
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संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना केंद्र की स्थापना
भारतीय सेना ने शांति अभियानों में विशिष्ट प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए नई दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना केंद्र (सीयूएनपीके) की स्थापना की है। यह केंद्र हर साल 12 हजार से अधिक सैनिकों को प्रशिक्षित करता है। यह संस्थान पिछले दो दशकों में उत्कृष्टता केंद्र और अनुभव और सर्वोत्तम प्रथाओं के भंडार के रूप में विकसित हुआ है। भारतीय सेना ने संयुक्त राष्ट्र मिशनों में भारतीय टुकड़ियों की परिचालन दक्षता और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक उपकरण और वाहन तैनात किए हैं। ये स्वदेशी वाहन और उपकरण मिशन क्षेत्रों में कठिन इलाकों, मौसम और परिचालन स्थितियों की अनिश्चितताओं का सफलतापूर्वक सामना कर चुके हैं।