पश्चिम बंगाल (West Bengal) के कुछ हिस्सों से चुनाव (Election) बाद हिंसा (Violence) की खबरें आने के बाद चुनाव आयोग (Election Commission) ने रविवार को 19 जून तक केंद्रीय बलों (Central Forces) की करीब 400 कंपनियां वहां रखने का फैसला किया।
एक अधिकारी ने बताया कि चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में मौजूदा कानून व्यवस्था (Law and Order) की स्थिति को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इससे पहले चुनाव आयोग ने मतगणना (Counting of Votes) के दो दिन बाद यानी 6 जून तक केंद्रीय बलों को रखने का फैसला किया था।
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भाजपा कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या
पुराने मामले की बात करें तो हाल ही में बंगाल के नादिया में एक भाजपा कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पीड़ित भाजपा कार्यकर्ता के परिवार ने दावा किया कि वह हाल ही में भाजपा में शामिल हुआ था, इसलिए उसकी हत्या की गई। पुलिस ने बताया कि आरोपी और पीड़ित दोनों का आपराधिक रिकॉर्ड है। मुख्य आरोपी की पहचान कर ली गई है।
क्यों लिया गया फैसला?
चुनाव आयोग ने मौजूदा कानून व्यवस्था की समीक्षा के बाद पश्चिम बंगाल में केंद्रीय बलों की करीब 400 कंपनियों की तैनाती 19 जून तक बढ़ाने का फैसला किया है। चुनाव आयोग के अधिकारी ने बताया कि राज्य के संवेदनशील इलाकों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय बल के सुरक्षाकर्मी 19 जून तक तैनात रहेंगे।
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