भारत की एक और लड़ाई में अब रूसी अनुषंधान सहायक बनेगा। देश ने कोरोना के लिए रूस द्वारा विकसित की गई स्पुतनिक-V को अनुमति प्रदान कर दी है। इसके साथ ही भारत को अब कोरोना के टीके के रूप में तीसरा सुरक्षा कवच मिल गया है।
देश में सेंट्रल ड्रग कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) ने स्पुतनिक-V को आपात उपयोग की अनुमति दे दी है। इसका हैदराबाद स्थित डॉ.रेड्डीज लैब निर्माण करेगी। स्पुतनिक-V के लिए पिछले सप्ताह ही डॉ.रेड्डीज लैब ने आपात उपयोग की अनुमति मांगी थी। भारत में इसे रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेन्ट फंड (आरडीआईएफ) के साथ मिलकर डॉ.रेड्डीज लैब निर्मित कर रही है। इसके लिए सितंबर 2020 में भारत में क्लिनिकल ट्रायल्स किये थे। इसके तृतीय चरण के परीक्षण के अनुसार रूसी टीके की प्रभावोत्पादकता 91.6 प्रतिशत होने का दावा किया गया है।
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ये हैं विशेषता
- टीके का मूल्य कम होने के कारण सभी को लेना संभव
- इसका भंडारण बहुत आसान
- इसे +2 डिग्री से +8 डिग्री सेंटीग्रेट तक भंडारण संभव
- इसे दुर्गम स्थानों पर पहुंचाना संभव
Following the successful launch of Sputnik, the first man-made object to space, in 1957, on April 12, 1961, exactly 60 years ago, Yury Gagarin became the first human in space. Sputnik V continues this great tradition of scientific accomplishment. Together we are stronger! pic.twitter.com/taHvOnh3yA
— Sputnik V (@sputnikvaccine) April 12, 2021
इन चार कारणों से रुसी टीका महत्वपूर्ण
- भारत में टीके के उपयोग के लिए आपात अनुमति प्राप्त करनेवाली दो कंपनियां बढ़ती मांग के कारण पर्याप्त डोज उपलब्ध कराने में परेशानी महसूस करती प्रतीत हो रही हैं। उनकी निर्माण क्षमता और उसके अनुसार राष्ट्रीय और अतंरराष्ट्रीय स्तर पर उसे उपलब्ध कराना बड़ी चुनौती है।
- स्पुतनिक-V की एजेंसी रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेन्ट फंड (आरडीआईएफ) इसके निर्माण के लिए अन्य फार्मास्युटिकल कंपनियों से अनुबंध कर रही है। इसके अंतर्गत तकीनीकी हस्तांतरण पद्धति पर अनुबंध किये जा रहे हैं। जिसके लिए सात भारतीय फार्मास्युटिकल कंपनियों से अनुबंध किया गया है।
- रशियन दवा निर्माताओं का तकनीकी हस्तांतरण मॉडल भारतीय टीका निर्माता भारत बायोटेक के लिए भी पथ प्रदर्शक है।