Janata Darbar: सीएम योगी ने लखनऊ में सुनी लोगों की समस्याएं, दो महीने बाद लगाया जनता दरबार

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार सीएम योगी आदित्यनाथ प्रतिदिन सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुनेंगे और निराकरण के लिए अधिकारियों को तत्काल निर्देशित भी करेंगे।

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने गुरुवार (6 जून) को लखनऊ (Lucknow) में जनता दरबार की। आचार संहिता के कारण पिछले दो महीने से बंद जनता दरबार (Janata Darbar) गुरुवार को फिर से शुरू हुई। मुख्यमंत्री ने जनता दरबार में आए सभी लोगों की समस्याएं (Problems) सुनीं और अधिकारियों को तत्काल उनके समाधान के निर्देश दिए।

बता दें कि सीएम योगी जब से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं, तब से वह लोगों के बीच जाकर जनता दरबार लगा रहे हैं और उनकी समस्याएं सुन रहे हैं।

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, सीएम योगी आदित्यनाथ प्रतिदिन सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक जनता के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुनेंगे और अधिकारियों को समाधान के लिए तत्काल निर्देश भी देंगे।

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जनता के बीच पहुंचे सीएम योगी
मुख्यमंत्री दो माह पूर्व आचार संहिता लगने से पहले तकरीबन रोजाना अपने सरकारी आवास पर जनता दरबार कार्यक्रम के दौरान लोगों से मुलाकात करते रहे हैं। इस दौरान प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए लोग उनसे मिलकर उन्हें अपनी विभिन्न समस्याओं से अवगत कराते रहे हैं। मुख्यमंत्री भी एक-एक कर प्रत्येक व्यक्ति से उनकी समस्याएं सुनते हैं और तत्काल प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों को जनता की समस्याओं के निराकरण के निर्देश भी देते रहे हैं।

समस्याओं के तत्काल समाधान पर जोर
मुख्यमंत्री के सामने आने वाली ज्यादातर समस्याओं में जमीन संबंधित विवाद और स्वास्थ्य संबंधित खर्च के अनुरोध रहते हैं। इसके अलावा पारिवारिक विवाद और थाने व तहसील से संबंधित विवादों में भी जनता मुख्यमंत्री से गुहार लगाती है। हालांकि प्रदेश और जिले के अधिकारियों संग बैठकों के दौरान पहले ही स्पष्ट निर्देश दे रखे हैं कि थानों और तहसीलों की साप्ताहिक समीक्षा जिलास्तर के वरिष्ठ अधिकारी करें, किसी भी फरियादी के साथ अशोभनीय व्यवहार नहीं होना चाहिए और उसकी समस्या का तत्काल निराकरण जिलास्तर पर ही होना चाहिए। इसके अलावा जिले की समीक्षा मंडल स्तर और मंडल की समीक्षा लखनऊ मुख्यालय से प्रतिमाह होनी चाहिए।

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