अंतर्राष्ट्रीय शिमला ग्रीष्मोत्सव (इंटरनेशनल समर फेस्टिवल) इस वर्ष 15 से 18 जून तक ऐतिहासिक रिज मैदान पर आयोजित किया जाएगा।
यह जानकारी शिमला ग्रीष्मोत्सव समिति के अध्यक्ष एवं उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने 7 जून को दी। उन्होंने फेस्टिवल के संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के तहत चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट घोषित अनाथ बच्चों के लिए समर फेस्टिवल के दौरान एक दिन समर्पित रहेगा, जिसमें वह अपनी प्रस्तुति भी देंगे।
कार्यक्रम की रुपरेखा
अनुपम कश्यप ने बताया कि हिमाचली फूड फेस्टिवल का आयोजन किया जायेगा, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के खाद्य पदार्थों का फ्यूज़न देखने को मिलेगा। उन्होंने बताया कि चार दिवसीय शिमला समर फेस्टिवल के दौरान हर दिन स्कूली बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के अतिरिक्त शाम को सुप्रसिद्ध कलाकारों की आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देखने को मिलेंगी। इसके अतिरिक्त, पर्यटकों के लिए चित्रकला प्रतियोगिता, सड़क सुरक्षा बार जागरूकता, प्राकृतिक फ्लावर शो इत्यादि का भी आयोजन किया जायेगा। समर फेस्टिवल में तीन श्रेणियों में हेल्दी बेबी कम्पटीशन का भी आयोजन होगा जिसमें नवजात से लेकर एक वर्ष की आयु, एक वर्ष से लेकर तीन वर्ष की आयु और तीन वर्ष से पांच वर्ष तक की आयु सीमा शामिल रहेगी।
अन्य राज्यों के लोग भी करते हैं इंतजार
उपायुक्त ने कहा कि शिमला ग्रीष्मोत्सव एक बेहद प्रतिष्ठित कार्यक्रम है, जिसका इंतजार शिमला सहित अन्य राज्यों के लोग हर वर्ष बेसब्री से करते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष शिमला ग्रीष्मोत्सव का आयोजन बहुत अच्छे तरीके से किया गया तथा और उन्हें पूर्ण विश्वास है की इस वर्ष भी सभी विभाग परस्पर तालमेल से इस उत्सव को और बेहतर ढंग से आयोजित करने में जिला प्रशासन का सहयोग करेंगे। उन्होंने ग्रीष्मोत्सव में बिजली और पानी का उचित प्रबंध करने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त, उन्होंने ग्रीष्मोत्सव में अधिक से अधिक गतिविधियों का आयोजन करने के लिए सभी अधिकारियों को अभी से अपनी तैयारी आरम्भ करने के निर्देश दिए।
विभिन्न खेल गतिविधियां का आयोजन
उपायुक्त ने जिला युवा सेवाएं व खेल अधिकारी को इस दौरान विभिन्न खेल गतिविधियां आयोजित करने के निर्देश दिए।उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय शिमला ग्रीष्मोत्सव 2024 को लेकर एक स्मारिका का प्रकाशन भी किया जाएगा। पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने कानून व्यवस्था, सुरक्षा उपाय और चिकित्सा व्यवस्था बारे अपने सुझाव दिए ताकि ग्रीष्मोत्सव के दौरान किसी भी विपरीत स्थिति से निपटा जा सके।