एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के नगर विकास मंत्री और शिवसेना के कद्दावर नेता हैं। करीब सवा साल पहले उन्हें शिवसेना में मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में भी देखा जाता था। लेकिन राजैनितक समीकरण कुछ ऐसा बना कि खुद शिवसेना के कार्याध्यक्ष उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनना पड़ा। लेकिन नंबर दो का नगर विकास मंत्रालय एकनाथ शिंदे को दिया गया। लेकिन अब ‘वरुण’ एकनाथ भाई के खाते से खिलवाड़ करने लगा है। ऐसी चर्चा है कि शिंदे इस वरुण के कारण काफी परेशान हैं। आप सोच रहे होंगे कि यह वरुण कौन है? यह वरुण कोई और नहीं, बल्कि आदित्य ठाकरे के मौसेरे भाई और वरुण सरदेसाई हैं। फिलहाल ये इन दिनों विपक्ष के रडार पर हैं। पिछले कुछ दिनों में, शिवसेना में वरुण सरदेसाई की ताकत इतनी बढ़ गई है कि अब ऐसी चर्चा है कि उन्होंने एकनाथ शिंदे के खाते में दखल देना शुरू कर दिया है। उनके मंत्रालय को लेकर कहा जा रहा है कि वरुण सरदेसाई शिंदे के नगर विकास विभाग की सभी गतिविधियों पर नजर रखते हैं।
कद कम करने की कोशिश
पिछले कुछ दिनों से शिवसेना में चर्चा है कि एकनाथ शिंदे के कद को कम किया जा रहा है। इसका अनुभव हाल ही में बालासाहेब ठाकरे मेमोरियल भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान हुआ। एकनाथ शिंदे, जिनके पास शिवसेना में खाता संख्या दो है,वे इस बात से आश्चर्यचकित थे कि इस कार्यक्रम के निमंत्रण कार्ड पर उनका नाम नहीं छपा था। तो, अब सवाल यह उठता है कि नगर विकास विभाग में वरुण का दखल किसी के कहने पर तो नहीं बढ़ा है ना? इस तरह की बातें अब शिंदे समर्थकों के बीच भी सुनाई दे रही हैं। वैसे कहा जा रहा है कि शिंदे को लेकर भारतीय जनता पार्टी का सॉफ्ट कॉर्नर भी शिवसेना के नेतृत्व को पच नहीं पा रहा है। कहा जा रहा है कि इसलिए पार्टी में उनके पंख को कतरकर उन्हें जमीन पर लाने की कोशिश की जा रही है।
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वरुण लेते थे मंत्रियों की बैठक में भाग
राज्य में ठाकरे सरकार के सत्ता में आने के बाद, यह पता चला कि वरुण सरदेसाई आदित्य ठाकरे और उद्धव ठाकरे के साथ बैठकों में भाग लेते हैं। राज्य के अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक ने बाद में इसे लेकर नाराजगी व्यक्त की थी। उसके बाद बैठकों से वरुण सरदेसाई गायब हो गए। लेकिन अब, एक बार फि चर्चा है कि वे नगर विकास मंत्री के खाते में हस्तक्षेप कर रहे हैं।
युवा सेना से पुराने शिवसैनिक परेशान
युवा सेना के हस्तक्षेप के कारण वरिष्ठ शिवसैनिक पहले से ही परेशान हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पुराने शिवसैनिक इस बात से नाराज हैं कि पिछले कुछ वर्षों में युवा सेना की शिवसेना में दखल बढ़ी है। जब से आदित्य ठाकरे मंत्री बने हैं, वरुण सरदेसाई और राहुल कनाल का मंत्रालय में आना-जाना बढ़ गया है। अब युवा सेना के पदाधिकारी एकनाथ शिंदे के नगर विकास विभाग में सीधे हस्तक्षेप करने के लगे हैं।
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विपक्ष के निशाने पर वरुण सरदेसाई
वैसे,पिछले कुछ दिनों से वरुण सरदेसाई काफी चर्चा में हैं। हाल ही में भाजपा विधायक नितेश राणे ने भी उन पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने अपने आरोप में कहा था कि सट्टेबाजी का रैकेट आईपीएल में चलाया जा रहा है। नितेश ने आरोप लगाया था कि सचिन वाझे ने सभी सट्टेबाजों को बुलाया था और उनसे बड़ी रकम की मांग की थी।सट्टेबाजों को सचिन वाझे ने धमकी भी दी थी। उसने कहा था, कि अगर तुम छापे या गिरफ्तारी से बचना चाहते हो, तो 150 करोड़ रुपये देने होंगे।
राणे के आरोप
राणे ने आरोप में कहा था कि वाझे को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के रिश्तेदार वरुण सरदेसाई का फोन आता है और वह पूछता है कि आपने सटोरियों से जो पैसा मांगा था, उसमें हमारा हिस्सा कितना है? राणे ने आरोप लगाया था कि सरदेसाई ने वाझे से हफ्ता मांगा था। राणे ने न केवल आरोप लगाए, बल्कि यह भी मांग की कि वरुण सरदेसाई और सचिन वाझे के बीच कॉल रिकॉर्ड, उनकी बातचीत की जांच की जाए। नितेश ने यह भी कहा था कि वरुण सरदेसाई के कॉल की सीडीआर की एनआईए द्वारा जांच की जानी चाहिए।
कौन हैं वरुण सरदेसाई?
वरुण सरदेसाई युवा सेना के सचिव हैं। वह पर्यावरण और पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे के मौसेरे भाई हैं। सार्वजनिक रूप से सबसे पहले वरुण ने मांग की थी कि आदित्य ठाकरे विधानसभा चुनाव लड़ें। वे लोकसभा चुनाव के दौरान शिवसेना के स्टार प्रचारक थे। वे आदित्य ठाकरे की जन आशीर्वाद यात्रा की योजना में भी शामिल थे। उन्होंने 2017 के कल्याण डोम्बिवली महारपालिका चुनाव में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में श्रीकांत शिंदे के लिए प्रचार किया था।