Politics: लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को बड़ा सियासी नुकसान उठाना पड़ा। दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है, लेकिन दिल्ली में आप को एक भी सीट नहीं मिली ,जबकि पंजाब में उसे 3 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा । पंजाब में कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को निपटा दिया। उसने 13 में से 7 सीटों पर जीत हासिल की। गौर करने वाली बात यह है कि इस प्रदेश में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग करने से इनकार कर दिया था। इस कारण कांग्रेस को अपने ही दम पर चुनाव लड़ना पड़ा। देखा जाए तो यह कांग्रेस के लिए ही अच्छा हुआ, क्योंकि आप जहां 3 सीटों पर सिमट गई, वहीं कांग्रेस ने 7 सीटों पर जीत प्राप्त कर उसे हैसियत बता दी। पंजाब में आए इस परिणाम का असर आगे की राजनीति और चुनावों पर पड़ना स्वाभाविक है।
इंडी गठबंधन को जोर का झटका
अगले 6 महीने में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने अकेले ही चुनाव लड़ने की घोषणा कर एक तरह से इंडी गठबंधन को जोर का झटका दिया है। आम आदमी पार्टी ने समझौता तोड़ते हुए कहा है कि लोकसभा तक ही हम कांग्रेस के साथ थे। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में अपने ही दम पर चुनाव लड़ने का बड़ा फैसला लिया है।
दिल्ली में नहीं चले दोनों दल
हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। राजधानी की कुल 7 सीटों में से जहां 4 सीटों पर आम आदमी पार्टी ने चुनाव लड़ा, वही, 3 सीटों पर कांग्रेस ने चुनाव लड़ा। लेकिन कांग्रेस और आप दोनों ही आम आदमी पार्टी के 44 विधायकों के क्षेत्र में धराशाई हो गई । दिल्ली में 4 उम्मीदवारों में 3 वर्तमान विधायक हैं। लेकिन तीनों में से दो अपने विधानसभा क्षेत्र में ही बीजेपी के उम्मीदवार से हार गए। दिल्ली के साथ ही पंजाब में भी आम आदमी पार्टी को भारी नुकसान हुआ है।
पंजाब में कांग्रेस को बढ़त
पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर से कांग्रेस ने 7 सीटें जीतीं। कहा जा सकता है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपनी खोई जमीन को फिर से पा ली है। कांग्रेस ने पंजाब में लोकसभा की मालवा की 8 सीटों में से 4 पर अपना कब्जा कर लिया। हालांकि फरीदकोट सीट पर कांग्रेस को नुकसान का सामना करना पड़ा।
कांग्रेस की रणनीति
आम आदमी पार्टी ने मालवा के दो लोकसभा सीटों श्री आनंदपुर साहिब और संगरूर में विजय हासिल की । कांग्रेस को ये पता है कि आम आदमी पार्टी जब तक कमजोर नहीं होगी, उसकी पंजाब और दिल्ली में सियासी ताकत नहीं बढ़ सकती ।