Lok Sabha Elections: जानिये, शिवसेना, उबाठा और NCP के कितने सांसद हैं करोड़पति?

हाल ही में निर्वाचित लोकसभा में नवनिर्वाचित सांसदों में से महाराष्ट्र के 98 प्रतिशत सांसद करोड़पति हैं। इसमें शिव सेना (शिंदे), शिव सेना उबाठा और अजीत पवार की एनसीपी के सभी सांसद करोड़पति हैं जबकि शरद पवार की एनसीपी के 88 प्रतिशत सांसद शामिल हैं।

268

Lok Sabha Elections: पिछले 15 सालों में आम जनता को तो पता नहीं, लेकिन सांसदों की संपत्ति जरूर बढ़ गई है। 2009 के बाद से करोड़पति सांसदों की संख्या में 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। दिलचस्प बात यह है कि एक सर्वेक्षण से पता चला है कि राज्य में शिवसेना (शिंदे), शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (उबाठा) और अजीत पवार की एनसीपी के 100 प्रतिशत सांसद करोड़पति हैं।

शिवसेना, उबाठा और एनसीपी के सभी सासंद करोड़पति
हाल ही में निर्वाचित लोकसभा में नवनिर्वाचित सांसदों में से महाराष्ट्र के 98 प्रतिशत सांसद करोड़पति हैं। इसमें शिव सेना (शिंदे), शिव सेना उबाठा और अजीत पवार की एनसीपी के सभी सांसद करोड़पति हैं जबकि शरद पवार की एनसीपी के 88 प्रतिशत सांसद शामिल हैं। इसमें शिव सेना के 7, शिव सेना उबाठा के 9, एनसीपी (शरद पवार) के 8 और एनसीपी (अजीत पवार) के एक सांसद शामिल हैं। देशभर में बीजेपी के 240 में से 95 और कांग्रेस के 99 में से 93 सांसद करोड़पति हैं।

मनमोहन सरकार के दौरान 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी
2009 में देश के कुल 543 सांसदों में से करोड़पति सांसदों की संख्या 315 यानी लगभग 58 प्रतिशत थी, जो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान 2009-2014 केवल पांच वर्षों में लगभग 30 प्रतिशत बढ़कर 443 यानी 82 प्रतिशत हो गई।  जबकि पिछले 10 साल में मोदी सरकार में करोड़पति सांसदों की संख्या 13 प्रतिशत बढ़कर 2024 में 504 यानी 93 प्रतिशत हो गई। इसका मतलब यह है कि पिछले 15 वर्षों में सांसदों ने आर्थिक रूप से प्रगति की है, लेकिन ज्यादातर जनता अभी भी वहीं हैं।

Modi 3.0: क्या शपथग्रहण समारोह में शामिल होंगे कांग्रेस नेता? जयराम रमेश ने कही ये बात

सबसे अमीर, सबसे गरीब सांसद
हाल ही में चुने गए सांसदों में देश के सबसे अमीर सांसद आंध्र प्रदेश के ‘टीडीपी’ के चंद्रशेखर पेम्मासानी हैं, जिनकी संपत्ति करीब 5,705 करोड़ रुपये है, जबकि सबसे गरीब सांसद पश्चिम बंगाल से बीजेपी के ज्योतिर्मय महतो हैं, जिनकी संपत्ति करीब 6 लाख रुपये है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच ने 543 लोकसभा सांसदों के हलफनामों का अध्ययन करने के बाद उपरोक्त निष्कर्ष निकाला है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.