Lok Sabha Elections: नवनिर्वाचित राशिद इंजीनियर के शपथ लेने की अनुमति पर इस तिथि को सुनवाई

टेरर फंडिंग मामले में जेल में बंद राशिद इंजीनियर ने लोकसभा चुनाव में बारामूला सीट से जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को करीब एक लाख मतों से हराकर जीत हासिल की है।

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Lok Sabha Elections: जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग मामले के आरोपित और हालिया लोकसभा चुनाव में निर्वाचित हुए राशिद इंजीनियर को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने की अनुमति देने की मांग पर पटियाला हाउस कोर्ट 18 जून को सुनवाई करेगा। एडिशनल सेशंस जज चंदर जीत सिंह ने ये आदेश दिया।

आज सुनवाई के दौरान एनआईए ने कहा कि निर्वाचित सदस्यों के शपथ लेने का नोटिफिकेशन अभी जारी नहीं किया गया है। उसके बाद कोर्ट ने 18 जून को सुनवाई करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि अगर 18 जून से पहले शपथ लेने का नोटिफिकेशन जारी होता है तो याचिकाकर्ता कोर्ट आ सकते हैं। कोर्ट ने इंजीनियर राशिद की याचिका पर सुनवाई करते हुए 6 जून को एनआईए को नोटिस जारी किया था।

बारामूला सीट से दर्ज की है जीत
राशिद इंजीनियर ने लोकसभा चुनाव में बारामूला सीट से जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को करीब एक लाख मतों से हराकर जीत हासिल की है। राशिद इंजीनियर फिलहाल दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है। राशिद इंजीनियर को 2016 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था।

पटियाला हाउस कोर्ट ने दिया था आरोप तयकरने का आदेश
पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 मार्च, 2022 को हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, यासिन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, राशिद इंजीनियर, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहम शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट्ट ऊर्फ पीर सैफुल्ला समेत दूसरे आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था।

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एनआईए का आरोप
एनआईए के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया। 1993 में अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस की स्थापना की गई।

आतंकी गतिविधियों को चलाने के लिए फंडिंग
एनआईए के मुताबिक हाफिज सईद ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और दूसरे चैनलों के जरिये आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन का लेन-देन किया। इस धन का उपयोग वे घाटी में अशांति फैलाने, सुरक्षा बलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम किया। इसकी सूचना गृह मंत्रालय को मिलने के बाद एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए और यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत केस दर्ज किया था।

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