दिल्ली (Delhi) में पानी संकट (Water Crisis) को लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना (Lieutenant Governor VK Saxena) ने कहा कि दिल्ली सरकार (Delhi Government) पता लगाएं की पानी कहां गायब हो रहा है। दिल्ली में चल रहे जल संकट को लेकर जल मंत्री आतिशी (Water Minister Atishi) और शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज (Development Minister Saurabh Bhardwaj) के साथ उपराज्यपाल ने एक मीटिंग बुलाई।
दिल्ली जल संकट की असली वजह?
उपराज्यपाल और मंत्रियों को बताया गया कि रविवार को यमुना रिवर बोर्ड के अधिकारियों ने दिल्ली और हरियाणा सरकार के अधिकारियों के साथ हरियाणा के करनाल जिले की मुनक नहर में पानी का निरीक्षण किया। मौके पर जाने से पता चला कि हरियाणा से उचित मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है, लेकिन पूरा पानी दिल्ली नहीं पहुंच रहा है। रास्ते में ही 18 से 20 फीसदी तक पानी गायब हो जाता है। अधिकारियों ने बताया कि रविवार को हरियाणा ने मुनक नहर से काकोरी दिल्ली के लिए 1,161 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जबकि दिल्ली के हिस्से में 1,050 क्यूसेक पानी निर्धारित है। लेकिन दिल्ली के बवाना में कुल 960.78 क्यूसेक पानी ही पहुंचा। यानि 200 क्यूसेक पानी गायब हो गया जबकि यह 5 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
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पानी को लेकर योजना बनाएं जल बोर्ड
बैठक में उपराज्यपाल ने एक बार फिर दिल्ली में पानी लीकेज का मुद्दा उठाया उन्होंने बताया कि पाइप लाइन की मरम्मत नहीं होने के चलते काफी पानी बर्बाद हो जाता है। दिल्ली में 9 जल शोधन संयंत्रों में से 7 जल संयंत्रों को मुनक नहर से ही पानी मिलता है।
जल संकट पर भ्रम फैला रही है दिल्ली सरकार
दिल्ली भाजपा का कहना है कि जल संकट से जुड़े मामले में समय पर उचित शपथ पत्र और अन्य दस्तावेज दाखिल न करने और भ्रम फैलाने पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि उन्होंने एक दिन पहले ही एक से 8 जून तक का डाटा जारी कर साफ किया था कि हरियाणा रोजाना दिल्ली को तय मात्रा में पानी उपलब्ध करा रहा है।
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