Maharashtra: साल 2007 में महाराष्ट्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने केंद्र सरकार को वक्फ बोर्ड के लिए सब्सिडी देने का आश्वासन दिया था। उस वादे को पूरा करते हुए वर्तमान महागठबंधन सरकार ने वक्फ बोर्ड को मजबूत करने के लिए वर्ष 2024-25 के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसमें से 2 करोड़ रुपये की मंजूरी 10 जून को महागठबंधन सरकार ने दे दी है।
2007 में किया गया था संयुक्त संसदीय समिति का गठन
वक्फ भूमि पर संयुक्त संसदीय समिति का गठन वर्ष 2007 में किया गया था, जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। जून 2007 में इस समिति के सदस्य महाराष्ट्र राज्य वक्फ बोर्ड के कामकाज के साथ-साथ वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का निरीक्षण करने के लिए महाराष्ट्र आये। इस समय महाराष्ट्र की कांग्रेस सरकार ने वक्फ बोर्ड को सब्सिडी देने का वादा किया था। दरअसल, इस अनुदान को कांग्रेस ने मंजूरी दी थी, फिर भी यह अनुदान महायुति द्वारा दिया जा रहा है।
कट्टर प्रवृत्तियों को बढ़ावा देने का आरोप
विश्व हिंदू परिषद ने वक्फ बोर्ड को 10 करोड़ रुपये देने के महायुति सरकार के फैसले का विरोध किया है। विश्व हिंदू परिषद के कोंकण मंत्री मोहन सालेकर ने कहा, “कांग्रेस सरकार ने जो करने से परहेज किया, महायुति सरकार ने वो किया है, यह धर्म के आधार पर तुष्टिकरण है। धर्म के आधार पर कोई आरक्षण या रियायतें नहीं दी जाएंगी।” चुनाव के दौरान, मुसलमानों के खिलाफ चिल्लाना और दूसरी तरफ गुप्त रूप से कट्टर प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करना, कभी भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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दी यह चेतावनी
वीएचपी ने चेतावनी दी है कि राज्य में महागठबंधन सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए या आगामी विधानसभा और महानगरपालिका चुनावों में राज्य में हिंदुओं के क्रोध का सामना करना पड़ेगा।