Delhi Water Crisis: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 12 जून (बुधवार) को शहर में टैंकर माफिया (Tanker Mafia) और पानी की बर्बादी से जुड़े मौजूदा मुद्दों को लेकर दिल्ली सरकार (Delhi Government) की कड़ी आलोचना की। जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और प्रसन्ना बी वराले की अवकाश पीठ ने इन समस्याओं से निपटने में दिल्ली सरकार के प्रयासों पर सवाल उठाए।
पीठ ने स्पष्ट किया कि अगर दिल्ली सरकार टैंकर माफिया से निपटने में विफल रही तो कोर्ट दिल्ली पुलिस को कार्रवाई करने का निर्देश देगा। पीठ ने पूछा, “इस अदालत के सामने झूठे बयान क्यों दिए गए? पानी हिमाचल प्रदेश से आ रहा है, तो दिल्ली में पानी कहां जा रहा है? यहां इतना रिसाव, टैंकर माफिया आदि हैं। इस संबंध में आपने क्या उपाय किए हैं?”
#SupremeCourt hears Delhi Government’s plea seeking directions to the State of Haryana for immediate release of water to the crisis-hit national capital.#SupremeCourt #DelhiWaterCrisis pic.twitter.com/0u28zOlZi1
— Live Law (@LiveLawIndia) June 12, 2024
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पानी की बर्बादी पर चिंता
दिल्ली के निवासियों की दुर्दशा पर प्रकाश डालते हुए, न्यायाधीशों ने कहा, “लोग पीड़ित हैं, हम हर समाचार चैनल पर दृश्य देख रहे हैं। यदि गर्मियों में पानी की कमी एक आवर्ती समस्या है, तो पानी की बर्बादी को नियंत्रित करने के लिए आपने क्या उपाय किए हैं?”
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दिल्ली सरकार का जवाब
दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता शादान फरासत ने जवाब दिया कि पानी की अत्यधिक बर्बादी को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर पानी की आपूर्ति को बंद करने सहित कई कदम उठाए जा रहे हैं।
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अगले कदम
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को पानी की कमी को दूर करने के लिए की गई कार्रवाई का विवरण देने वाली एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को होनी है। सुप्रीम कोर्ट दिल्ली सरकार द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें राजधानी के जल संकट को कम करने के लिए हिमाचल प्रदेश द्वारा प्रदान किए गए अधिशेष पानी को छोड़ने के लिए हरियाणा को निर्देश देने की मांग की गई है।
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