OM Certification: प्रायः यह बात सामने आई है कि मंदिरों (हिन्दू मंदिर) में भक्तों द्वारा चढ़ाए जाने वाले प्रसाद में अक्सर वर्जित पदार्थ मिलाए जाते हैं। इससे हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं। इस कुप्रथा के विरुद्ध व्यापक रूप में प्रसाद शुद्धि आन्दोलन प्रारम्भ किया गया है। स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्याध्यक्ष रणजीत सावरकर, अखिल भारतीय संत समिति धर्म समाज के महाराष्ट्र प्रदेश के महंत आचार्य पीठाधीश्वर। अनिकेत शास्त्री महाराज ने पहल कर इस आंदोलन की शुरुआत की है। अखाड़ा परिषद के सचिव स्वामी शंकरानंद महाराज, अखाड़ा परिषद के कोषाध्यक्ष महंत गिरिजानंद महाराज ने इस आंदोलन को समर्थन दिया है।
नासिक में बैठकों का एक सत्र
यह आंदोलन 14 जून, शुक्रवार को नासिक के श्री त्र्यंबकेश्वर मंदिर, नासिक से शुरू होगा। इस प्रसाद शुद्धि आंदोलन के तहत प्रसाद विक्रेताओं को ओम प्रमाण पत्र वितरित किया जाएगा। इसके लिए इन विक्रेताओं को अपने द्वारा तैयार किए जा रहे प्रसाद की शुद्धता को साबित करना होगा।
संतों-महंतों का मिल रहा है आशीर्वाद
इस आंदोलन के लिए स्वातंत्र्यवीर सावरकर के पोते और कुंभनगरी नासिक स्थित स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्याध्यक्ष अध्यक्ष रणजीत सावरकर नासिक में विभिन्न हिंदुत्व संगठनों और धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर रहे हैं। इन बैठकों में इस आंदोलन को हिंदुत्वादी संगठनों का समर्थन मिल रहा है। साथ ही संतों-महंतों का आशीर्वाद भी मिल रहा है।
रणजीत सावरकर को आशीर्वाद
रणजीत सावरकर ने अखाड़ा परिषद के सचिव स्वामी शंकरानंद महाराज, अखाड़ा परिषद के कोषाध्यक्ष महंत गिरिजानंद महाराज, महंत गिरी महाराज से मुलाकात की। तब उन्होंने रणजीत सावरकर को इस कार्य के लिए आशीर्वाद दिया। इस मौके पर पंचदशनाम नागा संन्यासी, आनंद अखाड़ा त्र्यंबकेश्वर सभी ने इस आंदोलन का समर्थन किया।