Nashik: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 14 जून को मानव तस्करी और साइबर धोखाधड़ी मामले में महाराष्ट्र के नासिक में बड़े पैमाने पर छापेमारी के बाद एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। नासिक के सुदर्शन दराडे तीन सप्ताह से भी कम समय में इस मामले में गिरफ्तार होने वाले छठे व्यक्ति हैं।
पहले हुई थीं पांच गिरफ्तारियां
एनआईए ने इससे पहले 27 मई, 2024 को संबंधित राज्य पुलिस बलों के साथ संयुक्त अभियान में कई राज्यों में छापेमारी के बाद पांच अन्य आरोपितों को गिरफ्तार किया था। 14 जून की छापेमारी में कई आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई। इसमें दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस, बैंक खातों का विवरण आदि शामिल हैं, जिनकी जांच एनआईए मानव तस्करी और जबरन साइबर धोखाधड़ी मामले के पीछे की साजिश का पता लगाने के लिए कर रही है। एनआईए ने 13 मई को मुंबई पुलिस से यह मामला अपने हाथ में लिया था। प्रारंभिक जांच में तस्करों और साइबर जालसाजों के बीच एक राष्ट्रव्यापी गठजोड़ का पता चला था, जो अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट के आदेश पर काम कर रहे थे।
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युवाओं को लुभाने और तस्करी करने का आरोप
जांच से पता चला है कि दराडे संगठित तस्करी सिंडिकेट में सीधे तौर पर शामिल था, जो कानूनी रोजगार के झूठे वादों पर भारतीय युवाओं को लुभाने और तस्करी करने में लगा हुआ था। युवाओं को लाओस, गोल्डन ट्राइंगल एसईजेड और कंबोडिया सहित अन्य स्थानों पर फर्जी कॉल सेंटरों में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा था। इन कॉल सेंटरों को मुख्य रूप से विदेशी नागरिकों द्वारा नियंत्रित और संचालित किया जाता था। ये सिंडिकेट भारत के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ कंबोडिया, लाओस एसईजेड आदि के अलावा यूएई और वियतनाम जैसे अन्य देशों में स्थित गुर्गों से जुड़े हुए थे। अब तक गिरफ्तार किए गए सभी आरोपित थाईलैंड, कंबोडिया और वियतनाम से भारतीय युवाओं को अवैध रूप से लाओस एसईजेड में ले जाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा पार से काम कर रहे तस्करों के साथ घनिष्ठ मिलीभगत में काम कर रहे थे।
अपराधिक मामलों में शामिल होने के लिए करते थे मजबूर
एनआईए की जांच के अनुसार तस्करी किए गए इन युवाओं को आगे चलकर ऑनलाइन अवैध गतिविधियों जैसे क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, नकली एप्लिकेशन का उपयोग करके क्रिप्टो करेंसी में निवेश, हनी ट्रैपिंग आदि में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया।