OM Certification : मंदिर में शुद्ध एवं सात्विक प्रसाद वितरित करने तथा मिलावटी प्रसाद वितरण को रोकने के लिए ओम प्रतिष्ठान द्वारा प्रसाद शुद्धि आंदोलन चलाया गया। शुक्रवार, 14 जून को नासिक के प्रसिद्ध त्र्यंबकेश्वर मंदिर में स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्याध्यक्ष रणजीत सावरकर और डॉ. महंत आचार्य पीठाधीश्वर अनिकेत शास्त्री महाराज के नेतृत्व में इस प्रसाद शुद्धि आंदोलन के माध्यम से मंदिर क्षेत्र के चुनिंदा प्रसाद विक्रेताओं को ‘ओम प्रमाणबपत्र’ दिया गया।
हिंदू संगठनों के नेता बड़ी संख्या में थे उपस्थित
इस प्रसाद शुद्धि आंदोलन को समर्थन देने के लिए बड़ी संख्या में हिंदू संगठनों के प्रतिनिधि, संत, महंत, अखाड़ा प्रमुख, पुरोहित संघ के अध्यक्ष आदि मौजूद थे। इस मौके पर सबसे पहले त्र्यंबकेश्वर मंदिर में ‘ओम प्रमाणपत्र’ की विधिवत पूजा की गई। उसके बाद मंदिर के गर्भगृह में सामूहिक आरती की गई। मंदिर में श्री त्र्यंबकेश्वर का आशीर्वाद लेने के बाद ढोल-नगाड़ों की ध्वनि के बीच छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने प्रमाणपत्र का अनावरण किया गया। इस मौके पर उपस्थित लोगों ने जोरदार नारेबाजी की। इस अवसर पर मंदिर परिसर में चयनित प्रसाद विक्रेताओं को ‘ओम प्रमाणपत्र’ वितरित किया गया।
त्र्यंबकनगरी में हिंदू धर्म का उदय!
यह प्रसाद शुद्धि आंदोलन नासिक में शुरू हुआ है। ओम प्रतिष्ठान के अध्यक्ष रणजीत सावरकर ने कहा कि आगे इसका विस्तार राज्य और देश स्तर पर किया जाएगा।
इस अवसर पर नासिक क्षेत्र के सभी संत, महंत और हिंदू संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। इनमें दिग्गज अभिनेता शरद पोंक्षे, स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक की कोषाध्यक्ष मंजिरी मराठे, स्मारक के सहकार्यावहक स्वप्निल सावरकर, पूर्व पुलिस अधिकारी अविनाश धर्माधिकारी, महाराष्ट्र मंदिर महासंघ के संयोजक सुनील घनवट, महंत गिरिजानंद महाराज, महंत शंकरानंद महाराज आधि शामिल थे। संतोकदास महाराज, महंत रामरामेश्वर महाराज, महंत भक्तिचरणदास महाराज, महंत राहुलेश्वर महाराज, महंत प्रेमपुरी महाराज, पंडित सतीश शुक्ला, पंडित भालचंद्र शौचे, पंडित तपनस्त्री शुक्ला, पंडित पुरूषोत्तम लोहगांवकर, पंडित रुद्र लोहगांवकर, पंडित मयूरेश दीक्षित, पंडित सत्यप्रिय शुक्ला, पंडित कलमकर। गुरुजी, पंडित मनोज थेटे, पंडित नागेशशास्त्री देशपांडे, पंडित दीपेशशास्त्री देशपांडे, पंडित राहुलशास्त्री देशपांडे, डॉ. वेंकटेश जोशी, पंडित संकेत टोके, राम सिंह बावरी, गजुभाऊ घोडके, एड. प्रवीण साल्वे, प्रशांत गडाख, विष्णुभाऊ, श्रीमती पांडे भाभी, अतुल सुपेकर, एच.बी.पी. उगलमोगले महाराज, एड. भानुदास शौचे, बंदोपंत अहिरराव, अक्षय अहिरराव, पवार सर, हर्षवर्द्धन बोरहाडे सर, नंदकिशोर भावसार, स्वप्निल मशालकर, नीरज कुलकर्णी, राजेंद्र नाचने, मैथिली नाचने, अनिरुद्ध कंठे, अपर्णा कंठे, नितिन जोशी, गणेश थोम्ब्रे, हिंदू जनजागृति समिति, मुंबई समन्वय सागर चोपदार, हिंदू जनजागरण समिति, नासिक संयोजिका सुश्री. राजेश्री देशपांडे, सकल हिंदू समाज नासिक, मुख्य संयोजक कैलास पंडित देशमुख, हिंदूवी स्वराज प्रतिष्ठान, नासिक के संस्थापक अध्यक्ष, सागर देशमुख, मेजर किसन गांगुर्डे, विश्व हिंदू सेना, संस्थापक अध्यक्ष नासिक एडवोकेट महेंद्र शिंदे, गोराराम मंदिर, नासिक के ट्रस्टी दिनेश डोडी, विघ्नहर गणेश मंदिर, नासिक के ट्रस्टी रवींद्र पाटिल, डॉ. सचिन बोजने और श्रीराम जोशी आदि ने भाग लिया।
‘ओम प्रमाणपत्र’ क्या है?
‘ओम प्रमाणपत्र’ प्रसाद शुद्धि आंदोलन के अंतर्गत बनाया गया है। इस सर्टिफिकेट में एक QR कोड दिया गया है। क्यूआर कोड स्कैन करने पर संबंधित मिठाई विक्रेता की सारी जानकारी सामने आ जाती है। इसलिए कोई भी इस सर्टिफिकेट का गलत इस्तेमाल नहीं कर पाएगा। इस सर्टिफिकेट से हमें यह जानकारी आसानी से मिल जाएगी कि हम किससे प्रसाद खरीद रहे हैं।