Parliament Statues: ‘संसद परिसर में बना प्रेरणास्थल सभी के लिए बनेगा प्रेरणा’- ओम बिरला

उन्होंने कहा कि विभिन्न स्थानों में होने के कारण संसद परिसर में महापुरुषों की प्रतिमाएं सबको दृश्यमान नहीं होतीं और ना ही उनकी सही देखभाल हो पाती है।

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Parliament Statues: कार्यवाहक लोकसभा अध्यक्ष (Lok Sabha speaker) ओम बिरला (Om Birla) ने कहा है कि संसद परिसर में समय-समय पर महापुरुषों की प्रतिमाएं लगाई जाती और शिफ्ट की जाती रही हैं। इस बार संसद परिसर को एक नया प्रेरणा स्थल मिलने जा रहा है, जिसमें एक स्थान पर सभी महापुरुषों की प्रतिमाएं (Statues of great men) लगाई गई हैं। इसमें सरकार का कोई विषय नहीं बनता है।

उन्होंने कहा कि विभिन्न स्थानों में होने के कारण संसद परिसर में महापुरुषों की प्रतिमाएं सबको दृश्यमान नहीं होतीं और ना ही उनकी सही देखभाल हो पाती है। ऐसे में विचार आया कि सभी प्रतिमाओं को एक स्थान पर लाया जाए ताकि आगंतुक इन महापुरुषों की प्रतिमाओं देख सकें और उनके बारे में जान सकें। महात्मा गांधी, बाबा साहब, महाराणा प्रताप या छत्रपति शिवाजी सभी प्रतिमाओं को एक ही स्थान पर लाया गया है।

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राज्यसभा एवं लोकसभा के सभी सदस्यों को आमंत्रित
उन्होंने बताया कि इस संबंध में एक समिति बनाई गई है जो महापुरुषों पर शोध कार्यक्रम कर समय-समय पर उनके बारे में जानकारी को अपडेट करेगी और जरूरी बदलाव करेगी। नए प्रेरणा स्थल से अब संसद आने वाले आगंतुक संविधान सदन, संसद भवन और म्यूजियम को देख सकेंगे। इससे उनका अनुभव और अधिक बेहतर होगा। उपराष्ट्रपति और राज्य सभा के सभापति आज शाम लोक सभा अध्यक्ष, उपसभापति एवं संसदीय कार्य मंत्री की उपस्थिति में नवनिर्मित प्रेरणा स्थल (बीजी– 7, संविधान सदन के सामने) का लोकार्पण करेंगे। कार्यक्रम में राज्यसभा एवं लोकसभा के सभी सदस्यों को भी आमंत्रित किया गया है।

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महापुरुषों एवं महान स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाएं स्थापित
बिरला के अनुसार संसद भवन परिसर के अंदर हमारे देश के महापुरुषों एवं महान स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाएं स्थापित हैं। उनका हमारे देश के इतिहास, हमारी संस्कृति, हमारे स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। ये प्रतिमाएं परिसर में अलग-अलग स्थानों पर स्थित थीं, जिससे आगंतुकों को इनके दर्शन करने में कठिनाई होती थी। इसलिए संसद भवन परिसर के अंदर इन प्रतिमाओं को एक ही स्थान पर स्थापित करने के उद्देश्य से प्रेरणा स्थल का निर्माण किया गया है।

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प्रेरणा स्थल पर सुविधाजनक रूप
उन्होंने कहा कि संसद भवन परिसर में आने वाले विशिष्ट व्यक्ति एवं अन्य आगंतुक इन प्रतिमाओं का एक निश्चित स्थान अर्थात प्रेरणा स्थल पर सुविधाजनक रूप से दर्शन कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दे सकेंगे। साथ ही उन प्रतिमाओं के समीप नयी टेक्नोलॉजी के माध्यम से उन महापुरुषों की जीवनगाथा, उनके सन्देश को भी आगंतुकों के लिए उपलब्ध कराने की कार्य योजना बनायी गयी है ताकि सभी को उनके जीवन दर्शन से प्रेरणा मिले।

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‘लॉन’ एवं पुष्प वाटिकाओं का निर्माण
उल्लेखनीय है कि ‘प्रेरणा स्थल’ पर प्रतिमाओं के आसपास ‘लॉन’ एवं पुष्प वाटिकाओं का निर्माण किया गया है। यहां गणमान्य व्यक्ति एवं आगंतुक उन्हें सुगमतापूर्वक अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे और क्यूआर कोड के माध्यम से उपलब्ध उनकी जीवनगाथा से प्रेरणा भी ले सकेंगे। लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान शिलापट्ट के अनावरण के पश्चात गणमान्यजन प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे।

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