Araria Bridge Collapse: बिहार (Bihar) में अररिया (Araria) जिले के सिकटी अन्तर्गत पड़रिया में बकरा नदी (Bakra River) पर कुल 12 करोड़ की लागत (cost of 12 crores) से बन रहा पुल 18 जून (मंगलवार) को बकरा नदी में समा गया।पुल का तीन से चार पाया नदी में समा गया। पुल के नदी में समाने को लेकर सांसद प्रदीप कुमार सिंह और सिकटी भाजपा विधायक विजय कुमार मंडल ने इसे संवेदक और विभागीय लापरवाही का नतीजा करार दिया।
सांसद और विधायक ने मीडिया से बातचीत में बताया कि पुल की पाइलिंग में गड़बड़ी बरतने के साथ रात में संवेदक के द्वारा गुणवत्ता विहीन काम करने का नतीजा है पुल का गिरना। सांसद ने मामले की जांच उच्च स्तरीय टीम के साथ कराने के साथ जिम्मेवार संवेदक और विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई की बात कही।
#WATCH | Bihar | A portion of a bridge over the Bakra River has collapsed in Araria pic.twitter.com/stjDO2Xkq3
— ANI (@ANI) June 18, 2024
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पुल निगम के अधिकारी इस बाबत कुछ भी नहीं बोले
सिकटी भाजपा विधायक विजय कुमार मंडल ने संवेदक द्वारा रात के अंधेरे में पुल का निर्माण व पाइलिंग कार्य किये जाने की बात करते हुए कहा कि पुल का अगर पाइलिंग सही होता तो उसका तीन से चार पाया बकरा नदी के गर्भ में नहीं समाता। उन्होंने विभागीय अधिकारी व संवेदक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने यहां तक कहा है कि तत्काल संवेदक व विभागीय कार्यपालक अभियंता व विभागीय अधिकारी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर विधि सम्मत कार्रवाई की जाय।
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कुल 12 करोड़ की लागत
बकरा नदी पर पडरिया के पास बन रहा यह पुल जिले के सिकटी प्रखंड और कुर्साकांटा प्रखंड को जोड़ने वाला अति महत्वपूर्ण पुल था।शुरुआती दौर में यह 7 करोड़ 80 लाख की लागत का था,लेकिन बाद में नदी की धारा बदलने और एप्रोच सड़क को लेकर कुल 12 करोड़ की लागत का हो गया था।लेकिन पड़रिया पुल बनने से पहले ही अपने निर्माण के दौरान ही नदी के गर्भ में समा गया।जबकि वर्षों से स्थानीय लोगों की मांग पर सांसद प्रदीप कुमार सिंह और विधायक विजय कुमार मंडल ने अथक प्रयास से यहां पुल बनना शुरू हुआ था।
संवेदक की लापरवाही
इतना ही नहीं जब यह पुल बनना शुरू हुआ तो पहली बार नदी का किनारा बाढ़ के कारण दूर हो गया। इसके बाद 12 करोड़ की लागत से नदी को किनारे तक को जोड़ने के लिए पुल का निर्माण शुरू हुआ। लेकिन विभागीय लापरवाही व संवेदक की लापरवाही के कारण पुल बकरा नदी के गर्भ में समा गया।उल्लेखनीय है कि बकरा नदी व कुर्साकांटा के बीच डोमरा बांध पर इस पुल का निर्माण हो रहा था।
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