Liquor Scam: उत्तर प्रदेश STF की बड़ी कार्रवाई, शराब घोटाले में अनवर ढेबर गिरफ्तार

शराब घोटाले में जमानत पर छूटे कारोबारी अनवर ढेबर को नकली होलोग्राम मामले में यूपी के नोएडा थाने से गिरफ्तार करने पहुंची और रायपुर सेंट्रल जेल से बाहर निकलते ही यूपी एसटीएफ ने प्रोडक्शन वारंट पर कस्टडी में ले लिया।

131

उत्तर प्रदेश एसटीएफ (Uttar Pradesh STF) ने शराब घोटाले (Liquor Scam) में नकली होलोग्राम केस (Fake Hologram Case) में व्यवसायी अनवर ढेबर (Anwar Dhebar) को मंगलवार की देर रात गिरफ्तार (Arrested) कर लिया है। ढेबर पर नोएडा में नकली होलोग्राम बनाने के मामले पर प्राथमिकी दर्ज (FIR Registered) की गई थी। बीते दिनों हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद से ढेबर रिहाई का इंतजार कर रहे थे। अनवर की गिरफ्तारी के बाद राजधानी रायपुर (Raipur) में मंगलवार की रात से ही बवाल मच गया है।

शराब घोटाले में जमानत पर छूटे कारोबारी अनवर ढेबर को नकली होलोग्राम मामले में यूपी के नोएडा थाने से गिरफ्तार करने पहुंची और रायपुर सेंट्रल जेल से बाहर निकलते ही यूपी एसटीएफ ने प्रोडक्शन वारंट पर कस्टडी में ले लिया। इस दौरान जेल परिसर में काफी संख्या में मौजूद अनवर समर्थक यूपी एसटीएफ से भिड़ गए और हंगामा खड़ा हो गया। इस दौरान धक्कामुक्की भी हुई। जेल प्रशासन ने परिसर में रायपुर पुलिस को बुलवा लिया। गहमागहमी के बीच यूपी एसटीएफ अनवर को सिविल लाइंस थाने ले गई तो समर्थक वहां भी पहुंच गए। थाने के गेट बंद कर दिए गए हैं।

यह भी पढ़ें- Kiran Choudhry: हरियाणा कांग्रेस विधायक किरण चौधरी ने दिया इस्तीफा, बेटी के साथ भाजपा में होंगी शामिल

यूपी ले जाने की अनुमति
उल्लेखनीय है कि 2000 करोड़ से अधिक के शराब घोटाला मामले में नकली होलोग्राम बनाने को लेकर अनवर ढेबर और अरुण पति त्रिपाठी की 19 जून को मेरठ में पेशी होनी है। इसके लिए यूपी पुलिस ने रायपुर न्यायलय में आवेदन दाखिल कर प्रोडक्शन वारंट की मांग की थी।सोमवार को कोर्ट ने तीन में से दो आरोपित अनवर और अरुण को यूपी ले जाने की इजाजत दे दी।

मनी लॉन्ड्रिंग मामला
ईडी की जांच के अनुसार, पिछली कांग्रेस सरकार में बड़े स्तर के अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और राजनीतिक अधिकारियों वाला एक सिंडिकेट काम कर रहा था।शराब की खरीद और बिक्री के लिए राज्य निकाय से शराब खरीदने के दौरान रिश्वतखोरी की गई। राज्य में डिस्टिलर्स से रिश्वत ली गई और देशी शराब को ऑफ-द-बुक बेचा गया। डिस्टिलर्स से कार्टेल बनाने और बाजार में एक निश्चित हिस्सेदारी की परमिशन देने के लिए घूस ली गई थी। इस घोटाले के जरिए साल 2019-22 में 2 हजार करोड़ से अधिक के काले धन की कमाई की गई। वहीं मनी लॉन्ड्रिंग मामला साल 2022 में दिल्ली की एक अदालत में दायर आयकर विभाग की चार्जशीट से उपजा।

देखें यह वीडियो- 

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.