Maharashtra: मोदी सरकार ने वधावन बंदरगाह को दी मंजूरी, लाखों लोगों को मिलेगा रोजगार

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को महाराष्ट्र के वधावन में 76,200 करोड़ रुपये की लागत से सभी मौसम में उपयोग में आने वाले ग्रीनफील्ड डीप ड्राफ्ट प्रमुख बंदरगाह के विकास को मंजूरी दे दी।

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Photo : Hindusthan Post Online

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने बुधवार (19 जून) महाराष्ट्र (Maharashtra) के पालघर जिले (Palghar District) में दहानु के पास पगारन में 76,200 करोड़ रुपये की लागत से बारहमासी ग्रीनफील्ड डीप ड्राफ्ट प्रमुख बंदरगाह (Port) के निर्माण को मंजूरी दे दी। यह बंदरगाह दुनिया के शीर्ष 10 बंदरगाहों में से एक होगा। इस परियोजना का क्रियान्वयन जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह प्राधिकरण और महाराष्ट्र समुद्री बोर्ड के सहयोग से स्थापित वधावन पोर्ट प्रोजेक्ट लिमिटेड (Vadhavan Port Project Limited) द्वारा किया जाएगा।

इस परियोजना के तहत बंदरगाह और राष्ट्रीय राजमार्गों के बीच सड़क संपर्क स्थापित किया जाएगा और मौजूदा रेलवे नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही रेल मंत्रालय द्वारा एक आगामी समर्पित रेल माल गलियारा भी विकसित किया जाएगा। इस परियोजना की लागत में भूमि अधिग्रहण घटक भी शामिल है।

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अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को मजबूत बढ़ावा मिलेगा
केंद्र सरकार द्वारा कुल 76,220 करोड़ रुपये की लागत से नई बंदरगाह परियोजना भारत के वैश्विक एक्जिम व्यापार प्रवाह में सुधार करेगी। आईएमईईसी और आईएनएसटीसी के माध्यम से इन बंदरगाहों की क्षमता निर्माण से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को मजबूत बढ़ावा मिलेगा। बंदरगाह में 1,000 मीटर की लंबाई वाले नौ कंटेनर टर्मिनल, चार लिक्विड कार्गो बर्थ, एक रो-रो बर्थ, एक कोस्ट गार्ड बर्थ और चार बहुउद्देश्यीय बर्थ हैं। इसके साथ ही 1,448 हेक्टेयर भूमि का पुनर्वास किया जाएगा, 10.14 किलोमीटर अपतटीय ब्रेकवाटर और कंटेनर/कार्गो भंडारण क्षेत्रों का निर्माण किया जाएगा।

जहाजों को संभालने में सक्षम
इस परियोजना से 298 मिलियन मीट्रिक टन की संचयी हैंडलिंग क्षमता और 23.2 मिलियन टीईयू प्रति वर्ष कंटेनर हैंडलिंग क्षमता उत्पन्न होगी। बंदरगाह परियोजना सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देगी और अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करेगी और सुदूर पूर्व, यूरोप, मध्य पूर्व, अफ्रीका और अमेरिका जैसे देशों में जलमार्गों पर चलने वाले बड़े जहाजों को संभालने में सक्षम होगी। विस्तार के पूरा होने पर, बंदरगाह को दुनिया के शीर्ष दस बंदरगाहों में से एक के रूप में मान्यता दी जाएगी, जिससे भारत की अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार क्षमता को एक नया आयाम मिलेगा।

प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे
यह परियोजना पीएम गति शक्ति कार्यक्रम के उद्देश्यों के अनुरूप है। एक केंद्रीय परिपत्र में कहा गया है कि इस परियोजना से वैश्विक निर्यात-आयात व्यापार को बढ़ावा मिलेगा तथा लगभग दस लाख लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत आधार मिलेगा।

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