सरकारी भर्ती परीक्षा (Government Recruitment Exam) में पेपर लीक (Paper Leak) और गड़बड़ी रोकने के लिए केंद्र सरकार (Central Government) ने बड़ा फैसला लिया है। देश में पेपर लीक पर रोक लगाने के लिए कानून (Law) लागू कर दिया गया है। केंद्र ने शुक्रवार (21 जून) आधी रात को इस संबंध में अधिसूचना (Notification) जारी कर दी है। इस कानून के अनुसार, पेपर लीक या उत्तर पुस्तिका (Answer Sheet) से छेड़छाड़ करने पर कम से कम 3 से 5 साल की सजा हो सकती है। इसके अलावा, कानून में 10 लाख तक के जुर्माने का भी प्रावधान है। इसे देखते हुए 2015 में ही इस कानून को लागू कर दिया गया था।
हालांकि, इस पर अमल नहीं हो पाया। देश में पेपर लीक की बढ़ती घटनाओं के बाद संसद ने इस साल फरवरी में इस कानून को फिर से लागू किया। इसके बाद शुक्रवार आधी रात को अधिसूचना जारी कर दी गई। इसके अनुसार, अब पेपर लीक होने पर दोषी पाए जाने पर 10 साल तक की जेल और अधिकतम 1 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। कानून के लागू होने के बाद यूपीएससी, एसएससी, रेलवे, बैंकिंग भर्ती परीक्षाएं और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित सभी कंप्यूटर आधारित परीक्षाएं इसके दायरे में आएंगी।
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नीट और यूजीसी-नेट जैसी परीक्षाओं में अनियमितताओं के मद्देनजर इस कानून को लाने का फैसला एक बड़ा कदम है। इस कानून से पहले केंद्र सरकार और जांच एजेंसियों के पास परीक्षा में गड़बड़ी से जुड़े अपराधों से निपटने के लिए अलग से कोई ठोस कानून नहीं था। दरअसल, मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए आयोजित नीट परीक्षा अनियमितताओं के कारण विवादों में रही है।
67 छात्रों को 100 फीसदी अंक
केंद्र की नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने इस साल 5 मई को परीक्षा आयोजित की थी। इसमें करीब 24 लाख छात्रों ने हिस्सा लिया था। 4 जून को आए परीक्षा नतीजों में 67 छात्रों को 100 फीसदी अंक मिले। इसके बाद पता चला कि 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे। इसके बाद यह भी पता चला कि परीक्षा का पेपर लीक कर दिया गया था। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। इसके बाद केंद्र ने ग्रेस मार्क्स वाले छात्रों के स्कोर कार्ड रद्द कर दिए और उन्हें 23 जून को दोबारा परीक्षा देने को कहा।
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