– अमन दुबे
जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में चल रही मुठभेड़ों (Encounters) में लगातार पाकिस्तानी आतंकवादी (Pakistani Terrorists) मारे जा रहे हैं। हाल ही में मारा गया आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) से जुड़ा था। इनमें से लगभग सभी पाकिस्तान (Pakistan) के किसी न किसी आतंकवादी समूह से जुड़े हैं। फिर भी पाकिस्तान की सरकार और उसके आतंकवादी संगठन आतंकवादियों को बढ़ावा दे रहे हैं। उनके पास खाने के लिए पैसे नहीं हैं, लेकिन वे भारत (India) से मुकाबला करने की सोचते हैं।
पाकिस्तान में लोगों को खाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं मिल रहा है, लोग महंगाई से त्रस्त हैं, आटे के दाम आसमान छू रहे हैं… लेकिन इन सबके बीच पाकिस्तान के आतंकी और वहां की सरकार अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही है। कभी आतंकवाद का दंश झेलने वाला जम्मू-कश्मीर अब विकास की नई कहानी लिख रहा है। यही बात पाकिस्तान और उसके द्वारा पोषित आतंकी संगठनों को रास नहीं आ रही है।
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मुठभेड़ में आतंकी ढेर
सुरक्षाबलों की सतर्कता और ऑपरेशन ऑल आउट ने कश्मीर संभाग में उनकी कमर तोड़ दी है। इससे हताश आतंकी संगठन अब जम्मू संभाग को दहलाने की साजिश रच रहे हैं। रविवार (9 जून) की शाम जम्मू के रियासी में श्रद्धालुओं की बस पर आतंकी हमला हुआ। बस पर आतंकियों द्वारा की गई अंधाधुंध फायरिंग में नौ लोगों की मौत हो गई। इस आतंकी घटना के बाद बुधवार को जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को मार गिराया। इस मुठभेड़ के बाद कुछ ऐसी बातें सामने आई हैं, जो आतंकियों के पाकिस्तान कनेक्शन की ओर इशारा करती हैं।
कारगिल युद्ध पाकिस्तान की गलती
देश में एक बार फिर मोदी सरकार का आना पाकिस्तान को हजम नहीं हो रहा है। जिस दिन तीसरी बार मोदी सरकार बन रही थी, उस दिन जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमला भी हुआ। देश में कई दिनों से अलग-अलग जगहों पर आतंकी और नक्सली हमले हो रहे हैं। अगर आप देखें तो पाकिस्तान के नेता नवाज शरीफ और उनके भाई पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार बयान दिया था कि कारगिल युद्ध जो हमारी गलती थी, भारत बिल्कुल सही था।
उन्होंने कहा था कि वह भारत के साथ अच्छी मित्रता चाहते हैं। हिंदुस्थान पोस्ट से ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) हेमंत महाजन ने कहा, यह पूरी तरह गलत है कि पाकिस्तानी आतंकवादी इन हमलों को अंजाम दे रहे हैं।
भारत की मित्रता का इतिहास
भारत में चाहे जितने भी प्रधानमंत्री सत्ता में आए हों, उन्होंने पाकिस्तान के साथ अच्छी मित्रता और अच्छे संबंध बनाने का हर संभव प्रयास किया है। लेकिन, संबंध कभी भी अचे हुए नहीं। बल्कि खरब ही होते रहे। लाल बहादुर शास्त्री से लेकर नरेंद्र मोदी तक, सभी चाहते थे अच्छे संबंध।
पाकिस्तान में कई ऐसे समूह हैं जो भारत के साथ दोस्ती नहीं चाहते, इसलिए वे छुपकर हमले करते हैं। पाकिस्तान नहीं चाहता कि जम्मू-कश्मीर का विकास हो। पाकिस्तानी आतंकवादी चाहते हैं कि पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हो। इसलिए ये लोग ऐसा करते हैं।
भारत की तुलना अब पाकिस्तान से नहीं
विज्ञान के छात्र रहे वेद प्रकाश यादव कहते हैं कि पिछले 5-6 महीने में पाकिस्तानी रुपया गिरा है और भारतीय रुपया चढ़ा है। आज मोदी ने भारत को जमीन से आसमान पर पहुंचा दिया है। दुनिया की कई बड़ी कंपनियां भारत में निवेश कर रही हैं। दुनिया की बड़ी कंपनियों के सीईओ भारत से हैं। ये कोई साधारण काम नहीं है, अगर मोदी इतना काम कर रहे हैं तो ये भारत के लोगों का सौभाग्य है। पीएम मोदी ने पिछले 10 सालों में इतना विकास किया है तो आने वाले 5 सालों में वो क्या करेंगे, ये देखने लायक है। भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बनना चाहता है, मोदी जो ठान लेते हैं, वो करके दिखाते हैं। भारत ने पाकिस्तान को दरकिनार कर अपने देश पर ध्यान केंद्रित कर लिया है। पाकिस्तान खाने की कमी से जूझ रहा है।
पाकिस्तान के परमाणु बम की शक्ति खत्म!
सिप्री ने दुनिया में मौजूद परमाणु बमों के नए आंकड़े जारी किए हैं। परमाणु हथियारों के भंडार के मामले में भारत फिलहाल छठे स्थान पर है। रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में भारत के पास 172 परमाणु हथियार है जबकि पाकिस्तान के पास सिर्फ 170 हैं। रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत ने साल 2023 में अपने परमाणु हथियारों की संख्या में इजाफा किया है। 2023 में भारत के पास 164 परमाणु हथियार थे लेकिन 2024 में यह संख्या बढ़कर 172 हो गई है। वहीं, पाकिस्तान के पास अभी भी पिछले साल जितने ही परमाणु हथियार हैं।
आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति
बता दें कि हमले से एक दिन पहले केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा परिदृश्य पर नई दिल्ली में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की थी। इसकी अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने एजेंसियों को कश्मीर घाटी में एरिया डोमिनेशन प्लान और जीरो टेरर प्लान के जरिए हासिल की गई सफलताओं को जम्मू में दोहराने का निर्देश दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को दोहराते हुए कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद को खत्म करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई निर्णायक दौर में है। उन्होंने कहा कि हाल की घटनाओं से पता चलता है कि आतंकवाद बड़े संगठित आतंकवादी हिंसा से छद्म लड़ाई में सिमटने को मजबूर हुआ है, लेकिन हम इसे भी जड़ से खत्म करने के लिए दृढ़ हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार नए तरीकों से आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई कर मिसाल कायम करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने सभी एजेंसियों को मिशन मोड में काम करने और समन्वित तरीके से त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
भारत आतंकवाद को नजरअंदाज नहीं करेगा
बता दें कि मार्च में सिंगापुर के दौरे पर गए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारत अब आतंकवाद के मुद्दे को नजरअंदाज नहीं करेगा। उन्होंने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि यह भारत का दुर्भाग्य है कि पाकिस्तान भारत का पड़ोसी है। आतंकवाद के मुद्दे पर भारत अब यह नहीं कहेगा कि चलो बातचीत जारी रखते हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “पाकिस्तान अब उद्योग स्तर पर आतंकवाद को प्रायोजित कर रहा है। यह एक बार की घटना नहीं है। भारत फिलहाल आतंकवादियों को नजरअंदाज करने के मूड में नहीं है”। (Pakistan Terrorism)
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