President’s Address: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (DROUPADI MURMU) गुरुवार 27 जून को 18वीं संसद के संयुक्त अधिवेशन (JOINT SITTING OF PARLIAMENT) को संबोधित करेंगी। अपने संबोधन के दौरान, उनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली नव-निर्वाचित सरकार की प्राथमिकताओं को रेखांकित करने की उम्मीद है। 18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद के संयुक्त अधिवेशन को राष्ट्रपति का संबोधन उनका पहला संबोधन भी होगा।
18वीं लोकसभा का उद्घाटन सत्र सोमवार (24 जून) को शुरू हुआ, जबकि राज्यसभा का 264वां सत्र 27 जून को शुरू होने वाला है। अपने संबोधन के दिन, राष्ट्रपति घुड़सवार राष्ट्रपति अंगरक्षकों के साथ राष्ट्रपति भवन से जुलूस के रूप में संसद पहुंचेंगी।
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राष्ट्रपति के संयुक्त सत्र संबोधन का प्रोटोकॉल
जानकारी के अनुसार, संसद भवन के गज द्वार पर प्रधानमंत्री मोदी और लोकसभा और राज्यसभा के पीठासीन अधिकारी उनकी अगवानी करेंगे, जहां से उन्हें पारंपरिक राजदंड ‘सेंगोल’ के साथ निचले सदन के कक्ष में ले जाया जाएगा। संविधान के अनुच्छेद 87 के अनुसार, राष्ट्रपति को प्रत्येक लोकसभा चुनाव के बाद सत्र की शुरुआत में संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करना आवश्यक है। राष्ट्रपति हर साल संसद के पहले सत्र में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को भी संबोधित करते हैं।
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कार्यक्रमों और नीतियों की रूपरेखा प्रस्तुत
राष्ट्रपति के अभिभाषण के माध्यम से सरकार अपने कार्यक्रमों और नीतियों की रूपरेखा प्रस्तुत करती है। इसमें पिछले वर्ष सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर भी प्रकाश डाला जाता है और आगामी वर्ष के लिए प्राथमिकताएं बताई जाती हैं। राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद, सत्तारूढ़ दल संसद के दोनों सदनों में धन्यवाद प्रस्ताव पेश करेगा, जिस पर सदस्य बहस करेंगे।
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2-3 जुलाई को संसद को संबोधित करेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2-3 जुलाई को धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस का जवाब दे सकते हैं। अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पिछले एक दशक में केंद्र सरकार की नीतियों का व्यापक विवरण देंगी, जिसमें अर्थव्यवस्था, रक्षा, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और सामाजिक कल्याण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियों पर प्रकाश डाला जाएगा।
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संसद में सरकार को चुनौती देने के लिए विपक्ष तैयार
इस बीच, एक नया विपक्ष सरकार को कई मोर्चों पर चुनौती देने की तैयारी कर रहा है, जिसमें NEET-UG अनियमितताएं, UGC-NET को रद्द करना, जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले, ट्रेन दुर्घटनाएं और आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतें शामिल हैं। हाल ही में हुए आम चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए ने 293 सीटें जीतकर लगातार तीसरी बार सत्ता हासिल की। यह परिणाम भाजपा की उम्मीदों से कम रहा, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि सत्तारूढ़ गठबंधन को 400 से ज़्यादा सीटें मिलेंगी।
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