Lok Sabha: नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी ने अपने पहले संबोधन में भगवान शिव की तस्वीर दिखाकर अपने अधिकारों का कथित रूप से बेजा इस्तेमाल किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सदन में इस पर आपत्ति जता चुके हैं। अब गेंद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के पाले में है।
क्या कहता है कानून?
लोकसभा और राज्यसभा में सांसदों के अधिकारों और कर्तव्यों की पूरी तरह से व्याख्या की गई है। सदस्यों के लिए दिशा निर्देश पूरी तरह से परिभाषित है। किसी भी सदन को इस तरह से भगवान की तस्वीर दिखाने की अनुमति नहीं है।
राहुल गांधी ने दिखाई हिंदू विरोधी मानसिकता
राहुल गांधी ने पहले ही संबोधन में टकराव और कलह पैदा करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि जो अपने आप को हिंदू कहते हैं, वह 24 घंटे हिंसा और नफरत फैलाते हैं। राहुल गांधी को यह याद रखना चाहिए कि हाल के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को लगभग 24 करोड़ मतदाताओं ने वोट दिया है। राहुल गांधी यह कहना चाह रहे हैं कि यह सब वे हिंदू हैं, जो 24 घंटे हिंसा और नफरत करते हैं?
क्या है आशय?
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा भगवान शिव की तस्वीर दिखाने का का आशय क्या है? इसकी पूरी गहनता से जांच लोकसभा अध्यक्ष करेंगे। कानून के जानकारों का मानना है कि अगर इसी तरह से सदन के नियमों की अवहेलना होगी तो संसद की गरिमा को बचा पाना मुश्किल हो जाएगा।