Delhi: दिल्ली की केजरीवाल सरकार(Delhi’s Kejriwal government) एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है। दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज(Minister Saurabh Bhardwaj) अपनी ही सरकार के अधिकारियों को निशाना बना रहे(is targeting officers) हैं। दिल्ली में 1100 पेड़ काटने का एक दिलचस्प मामला(An interesting case of cutting trees) सामने आया है। दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने इसका ठीकरा वन विभाग(Forest Department) के अधिकारियों पर फोड़ दिया है। पेड़ पहले काट दिए गए और सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) में पेड़ काटने की अनुमति लेने की अर्जी बाद में लगाई गई। दिल्ली सरकार में शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने प्रिंसिपल सेक्रेटरी ए के सिंह(Saurabh Bhardwaj has written a letter to Principal Secretary A.K. Singh) पर गलत बयानबाज़ी कर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रिंसिपल सेक्रेटरी ऐ .के सिंह ने झूठ बोला कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बना दी है।
11 00 बड़े वृक्ष काटने का दोषी कौन?
जैसा कि हम जानते हैं कि दिल्ली में वन्य क्षेत्र में एक पेड़ काटने के लिए भी अनुमति केवल और केवल इस देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट के द्वारा ही दी जा सकती है। कोई भी विभाग कोई भी संस्थान पेड़ काटने की अनुमति वन्य क्षेत्र में नहीं दे सकता। लेकिन दिल्ली के सतबड़ी वन्य क्षेत्र में बिना सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के पहले ही 1100 बड़े वृक्ष काट दिए गए।
फंड की कमी का रोना
दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार किसी भी काम को पूरा न कर पाने के लिए कोई ना कोई बहाना बना देती है या कोई आरोप लगा देती है। दिल्ली को जल की समस्या से मुक्त बनाने के लिए प्रस्तावित चार बड़ी परियोजनाएं धरातल पर नहीं उतर सकीं। फंड के अभाव में इन परियोजनाओं से सरकार ने अपने हाथ खींच लिए हैं।
ट्रैफिक जाम की बड़ी समस्या
दिल्ली में वाहनों की भीड़ बढ़ रही है ।प्रतिदिन एनसीआर के अन्य शहरों से भी बड़ी संख्या में वाहन यहां पहुंचते हैं। इससे दिल्ली की कई सड़कों पर यातायात जाम की समस्या होती है इस समस्या के समाधान के लिए दिल्ली सरकार ने कुछ वर्ष पूर्व ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर, नॉर्थ साउथ कॉरिडोर, सिग्नेचर ब्रिज से डीएनडी तक रिंग रोड हाईवे और अरविंदो मार्ग पर आईआईटी से महरौली तक फ्लाईओवर बनाने की योजना तैयार की थी। दिल्ली सरकार ने योजना तैयार करते समय फंड की व्यवस्था पर विचार नहीं किया।