श्री काशी विश्वनाथ मंदिर और गंगा आरती समेत अन्य मंदिरों और पर्यटन स्थलों को लेकर नए दिशा निर्देश आ गए हैं। इसमें कई स्थानों पर दर्शन को नियमों में बाध दिया गया है तो कुछ स्थानों पर प्रवेश निषिद्ध है। ऐसा निर्णय शहर में कोविड19 संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए किया गया है।
- नई नियमावली के अनुसार बाबा श्री काशी विश्वनाथ, मां अन्नपूर्णा, संकट मोचन और काल भैरव में दर्शनार्थियों को अपनी 72 घंटे की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट लानी अनिवार्य
- श्री काशी विश्वनाथ के गर्भ गृह में और मंगला आरती में प्रवेश प्रतिबंधित
- अब गंगा आरती का हो रहा सांकेतिक आयोजन
- केंद्रीय पुरातात्विक मंत्रालय के अनुसार काशी के सभी पुरातात्विक स्थान 15 मई तक किये गए बंद
- सारनाथ पुरातात्विक खंडहर चौखंडी स्तूप, का रौजा, मानमहल के द्वार पर्यटकों के लिए किये गए बंद
पूर्वांचल के बड़े केंद्र में है काशी
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पूर्वांचल के बड़े केंद्रों में से एक है। इसे मोक्ष की नगरी भी कहते हैं। यहां शिक्षा, आस्था और स्वास्थ्य के साथ यात्रा के जोड़ मार्ग के रूप में लोग आते हैं। इसके कारण काशी को कोरोना का संक्रमण तेजी से प्रभावित कर रहा है। अब शहर में प्रतिदिन दो हजार से ऊपर संक्रमित पाए जा रहे हैं। इससे यहां के अस्पतालों में भी बिस्तरों की कमी होने लगी है। यहां इलाज के आसपास के चार-पांच जनपदों के लोग आते हैं। इसके अलावा बाहर से घर लौटनेवाले लोग वाराणसी रेलवे स्टेशन उतरकर ही अपने गृह जनपद के लिए रवाना होते हैं। इसके कारण वाराणसी या काशी पर दबाव अधिक और संक्रमित होने का खतरा भी अधिक है।