Astronomy में रुचि रखने वाले लोगों के लिए शुक्रवार, पांच जुलाई का दिन खास होने जा रहा है। इस दिन सूरज और पृथ्वी के बीच की दूरियां बढ़ जाएंगी। अर्थात, शुक्रवार को सूरज और पृथ्वी के बीच की दूसरी इस साल में सबसे अधिक होगी। हालांकि, इससे मौसम पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने दी जानकारी
नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने 4 जुलाई को जानकारी देते हुये बताया कि सूरज की परिक्रमा करती पृथ्वी सालभर अपनी दूरी बदलती रहती है। साल के एक दिन वह सूरज के सबसे पास वाले बिंदू पर होती है तो एक दिन ऐसा आता है, जब यह दूरी बढ़कर सबसे अधिक हो जाती है। शुक्रवार, पांच जुलाई को वह दिन आ गया है, जब पृथ्वी, सूरज से अधिकतम दूरी पर पहुंच जाएगी। साल में एक बार होने वाली यह खगोलीय घटना अफेलियन कहलाती है।
15 करोड़ 20 लाख 99 हजार 968 किमी हो जाएगी दूरी
उन्होंने बताया कि भारतीय समय के अनुसार, 5 जुलाई को प्रात: 10 बजकर 36 मिनट की स्थिति में पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी 15 करोड़ 20 लाख 99 हजार 968 किमी हो जाएगी, जो इस साल की सबसे अधिक दूरी होगी। उन्होंने बताया कि इस साल तीन जनवरी को पृथ्वी अपनी दूरी घटाते हुए सूरज से 14 करोड़ 71 लाख 632 किमी दूरी पर थी, इसे पेरिहेलियन की स्थिति कहते हैं। इस तरह उस दूरी से शुक्रवार को पृथ्वी लगभग 50 लाख किमी और दूर पहुंच रही है।
मौसम पर नहीं पड़ेगा असर
सारिका ने बताया कि सूरज और पृथ्वी के बीच दूरी में लगभग 3 प्रतिशत की इस दूरी बढ़ने या घटने से स्थानीय मौसम पर कोई असर नहीं पड़ता है। जब जनवरी में सूर्य पास में होता है तब उत्तरी गोलार्द्ध में ठंड पड़ रही होती है, वहीं जुलाई से सूरज से दूरी बढ़ने पर भी गर्मी कम नहीं होती है। पृथ्वी पर मौसम तो पृथ्वी के अपने अक्ष पर घूमते समय, झुकाव के कारण होते हैं। किसी समय पृथ्वी के जिस भाग पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ रही होती हैं, वहां गर्मी पड़ती है तथा जहां तिरछी किरणें पड़ती है, वहां ठंड महसूस होती है।