दिल्ली के आईटीओ स्थित जदीद कब्रस्तान में वर्ष के पहले ड़ेढ़ महीने में मात्र पांच शव दफनाए गए थे। परंतु, अब स्थिति गंभीर है। दिल्ली में कोरोना संक्रमण अपना चौथा कहर बरपा रहा है। दस दिनों में 70 शव आ चुके हैं। यहां के कर्मचारी मोहम्मद शमीम ने समाचार माध्यमों को बताया कि अब यहां मात्र 150 शवों को दफनाने की जगह बची है। यदि यही गति रही तो आनेवाले दिनों में सामूहिक रूप से लोगों को सुपुर्द ए ख़ाक करने के लिए मजबूर होना पड़ जाएगा।
देश की राजधानी ही इस स्थिति से नहीं जूझ रही है बल्कि यह हालात अब देश भर में आम हैं। फर्क इतना है कि हिंदू स्मशान गृहों में शवों के दाह संस्कार की फोटो और वीडियो पर रोक नहीं है जबकि, कब्रस्तान में सभी प्रकार के कैमरे या वीडियो शूट करने की मनाही है।
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लखनऊ में काम और दाम बढ़ा
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी कोरोना संक्रमितों की मौत से कब्रस्तान फुल होने लगे हैं। शहर के डालीगंज कब्रस्तान में सामान्य दिनों में एक या दो शव आते थे। अब यह संख्या बढ़कर 12 से ऊपर पहुंच गई है। यह स्थिति डालीगंज के अलावा ऐशबाग, निशांतगंज, तालिकटोरा, मॉल एवेन्यू और आलमबाग के कब्रस्तानों में भी है।
कोरोना संक्रमितों के शव आने से कब्रस्तान कर्मियों का काम बढ़ गया है। यहां पर दफन विधि के लिए खुदाई का काम कई गुना बढ़ा है तो दूसरी ओर मजदूर नहीं मिल रहे हैं और तीसरी समस्या है कोरोना संक्रमितों को दफनाने के लिए दस फीट खोदना पड़ता है जिससे संक्रमण न फैले। इसको देखते हुए लखनऊ के कब्रस्तानों के उप सदर जावेद खान और सचिव मोहम्मद सुफियान के आदेश पर खोदनेवालों की मजदूरी 800 रुपए कर दी गई है।
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हाथों में पड़े छाले अब जेसीबी से खुदाई
भोपाल के झदा कब्रस्तान में हालात बहुत अच्छे नहीं है। जनाजों के लगातार पहुंचते रहने से कब्र खोदनेवालों के हाथों में छाले पड़ गए हैं। उनका काम अब जेसीबी से लिया जा रहा है। गुरुवार को यहां जनाजों के आने का रिकॉर्ड टूट गया। एक ही दिन में सत्रह जनाजे यहां पहुंचे थे। जिसमें से 10 तो कोरोना संक्रमित अस्पतालों से आए थे और शेष सात लोगों की मौत घर पर हुई थी। झदा कब्रस्तान के प्रबंधक व पूर्व पार्षद रेहान गोल्डन ने दैनिक भास्कर को बताया कि अप्रैल में अब तक 65 लोगों का दफन किया जा चुका है। जिसमें से 52 लोगों की मौत घर पर हुई थीं।
कोरोना संक्रमितों की दफन विधि झदा कब्रस्तान के अलावा बड़ा बाग, अशोका होटल वाला, छावनी बाग और फरहत अफजा कब्रस्तान में हो रही है। झदा कब्रिस्तान पर हाउस फुल का बोर्ड लगा दिया गया है।