MP High Court ने ऐतिहासिक भोजशाला को जैन मंदिर बताने वाली याचिका की खारिज, ये है कारण

दायर याचिका में दावा किया गया था कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा धार भोजशाला के किए गए सर्वे में जैन तीर्थंकर और देवी-देवताओं की मूर्तियां मिली हैं।

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MP High Court: मध्य प्रदेश के धार में स्थित ऐतिहासिक भोजशाला को जैन मंदिर बताने वाली याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने 5 जून को याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह याचिका निर्धारित प्रारूप में नहीं है। ऐसे में इस पर आगे सुनवाई नहीं की जा सकती। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से यह जरूर कहा है कि वे चाहे तो निर्धारित प्रारूप में दोबारा याचिका प्रस्तुत कर सकते हैं।

जैन समाज ने दायर की थी याचिका
दरअसल, भोजशाला पर जैन समाज का दावा करते हुए मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ के समक्ष यह याचिका नई दिल्ली निवासी सलेक चंद जैन ने दायर की थी। याचिका में दावा किया गया था कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा धार भोजशाला के किए गए सर्वे में जैन तीर्थंकर और देवी-देवताओं की मूर्तियां मिली हैं। इस बात के प्रमाण भी मिले हैं कि भोजशाला स्थल पर जैन गुरुकुल और मंदिर था। याचिका में भोजशाला में खुदाई में मिली जैन तीर्थंकर और देवी-देवताओं की मूर्तियों को जैन समाज को सौंपने की मांग भी की गई थी।

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न्यायमूर्ति ने की यह टिप्पणी
5 जुलाई को न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा की एकलपीठ के समक्ष इस पर सुनवाई हुई। करीब दो मिनट चली सुनवाई में कोर्ट ने याचिका देखने के बाद कहा कि यह निर्धारित प्रारूप में नहीं है। इसमें याचिका प्रस्तुत करने में हुई देरी की वजह भी स्पष्ट नहीं है। ऐसी स्थिति में याचिका पर आगे सुनवाई नहीं की जा सकती। याचिकाकर्ता चाहें तो निर्धारित प्रारूप में नई याचिका दायर कर सकते हैं। उसमें उन्हें यह भी बताना होगा कि याचिका प्रस्तुत करने में देरी क्यों हुई है।

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