देश में कोरोना संक्रमण से जनता रो रही है। तो दूसरी ओर सियासत एक दूसरे के सिर ठीकरे फोड़ रही है। चारो ओर त्राहिमाम है। आंकड़े, बयान और बैठकें जो रोजी पिक्चर दिखाती हैं धरातल पर वो दम तोड़ रही हैं। इसका कारण है कि देश कोरोना को भूल रहा था लेकिन वो मध्यम था पर अपनी पकड़ बनाए हुए था। लोग दिशानिर्देश भूले तो वो नए वैरिएंट्स के साथ हमलावर हो गया। जो अब पहले से अधिक शक्तिशाली है।
अब जब कोरोना संक्रमण तेजी से देश में बढ़ रहा है तो स्वास्थ्य सुविधाएं एक-एक करके दम तोड़ रही हैं। इसका तनाव नेताओं, मंत्रियों पर जब पड़ना शुरू हुआ तो उन्होंने उंगलियां एक दूसरे की ओर दिखानी शुरू कर दी हैं।
महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक विकास मंत्री नवाब मलिक ने कोरोना की अब तक की कारगर दवा मानी जानेवाली रेमडेसवीर इंजेक्शन की आपूर्ति को लेकर बड़ा आरोप केंद्र सरकार पर लगा दिया है।
- यह दु:खद और आश्चर्यजनक है कि जब महाराष्ट्र सरकार ने 16 निर्यातक कंपनियों से रेमडेवीर इंजेक्शन के लिए बात की तो हमें कहा गया कि केंद्र सरकार ने उनसे कहा है कि महाराष्ट्र को दवा न मुहैया कराएं
- कंपनियों को धमकी दी गई लाइसेंस रद्द करने की
- यदि ऐसा रहा तो हमे राज्य से बाहर भेजी जानेवाली दवाइयों को जब्त करना पड़ेगा
- देश में 16 निर्यातक कंपनियां हैं जिनके पास 20 लाख वायल्स रेमडेसवीर इंजेक्शन के हैं। अब निर्यात केंद्र सरकार द्वारा किये जाने से यह कंपनियां इसे देश में बेचने की अनुमति मांग रही हैं। लेकिन सरकार उसे नकार रही
- सरकार कह रही है कि इसे उन सात कंपनियों के माध्यम से ही बेचा जाना चाहिये जो हैं इसकी निर्माता
It is sad & shocking that when Government of Maharashtra asked the 16 export companies for #Remdesivir, we were told that Central Government has asked them not to supply the medicine to #Maharashtra.
These companies were warned, if they did, their license will be cancelled(1/2)— Nawab Malik نواب ملک नवाब मलिक (@nawabmalikncp) April 17, 2021
नवाब मलिक के आरोप पर केंद्रीय राज्य मंत्री मनसुख मांडविया ने इसे अधूरी जानकारी पर आधारित ट्वीट बताया और धमकी को आश्चर्यकरनेवाला बताया है।
Tweets by @nawabmalikncp are shocking. It is full of half truths and lies and the threats issued are unacceptable.
He is unaware of the ground situation. GoI has been in active contact with officers of GoM and is assisting with supply of Remdesivir in every manner(1/4) https://t.co/jzHI4ENUcs— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) April 17, 2021
महाराष्ट्र के इस आरोप पर केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपने ट्वीट में महाराष्ट्र सरकार को जमकर लताड़ा है।
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- महाराष्ट्र अक्षम और भ्रष्ट सरकार से है पीड़ित
- राज्य की जनता मेरा कुटंब मेरी जबाबदारी निभा रही, अब समय मुख्यमंत्री का है कि वो मेरा राज्य मेरी जबाबदारी निभाएं
- कल ही प्रधानमंत्री ने अपनी निरिक्षण में कहा था कि राज्य केंद्र मिलकर इस संकट में करें कार्य
- इस उलट उद्धव ठाकरे के कार्यालय से हो रही है ओछी राजनीति
- उन्हें इस बेशर्म राजनीति के डेली डोज पर लगाम लगाना चाहिए
- दुखी हुआ ऑक्सीजन पर उद्धव ठाकरे की चाल से
Saddened to see @OfficeOfUT’s gimmicks on oxygen. GoI, with all stakeholders, is ensuring maximum oxygen production in India. We are currently producing 110% of Oxygen generating capacity and diverting all available Oxygen from industrial use to medical use.
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) April 17, 2021
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का उत्तर भी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष की ओर से दिया गया। जो देखने योग्य है। इसमें उन्होंने प्रधानमंत्री को भी निशाना बनाया है। वे कहते हैं यदि प्रधानमंत्री प्रचार में मस्त हैं तो पीयूष गोयल को प्रभार लेकर महाराष्ट्र की ऑक्सीजन और रेमडेसवीर की आवश्यकता पूरी करने चाहिए।
अगर प्रधानमंत्री प्रचार मे व्यस्त है, तो ऐसे वक्त पियुष गोयल जि सामने चार्ज लेकर महाराष्ट्र के आॅक्सिजन, रेमडेसिव्हीर जरुरते को पुरी करनी चाहीए!
कोई राजनीती ना करे !@PMOIndia@narendramodi@PiyushGoyalOffc@BJP4India@CMOMaharashtra@RahulGandhi@OfficeofUT@INCIndia https://t.co/xUNxeKLbyS
— Nana Patole (@NANA_PATOLE) April 17, 2021
नेताओं के यह वाद-विवाद पढ़ने में रुचिकर लगते हैं कि क्या आरोप लगाया? और क्या उत्तर दिया है? लेकिन जनता की दिक्कतों का उत्तर देने कोई नहीं आता। कोरोना जब कमजोर था तो इन सरकारों ने क्या किया इसका यदि उचित उत्तर इनके पास होता तो शायद जनता की गति ऐसी न होती। सरकारी अधिकारी का परिवार रात से अंधेरी के सरकारी कोविड केयर सेंटर में प्रयत्न करता रहा तब जाकर सबेरे उसे बिस्तर मिल पाया। जब अधिकारी की ये हाल है तो सामान्य आदमी तो एक-एक सांस के लिए तड़प रहा है। उसके उत्तरदाता डॉक्टर और वे स्वास्थ्य कर्मी हैं जिन्हें वो अपने जीवन की डोर कोरोना संक्रमण में पकड़ाकर निश्चिंत हो जाना चाहता है।
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