AI Jihad: AI का बड़ा षड्यंत्र, हिन्दुओं को तेवर मुसलमानों को फेवर

यह बात अलग है कि उनके खुद के धर्म को ले कर सवाल उठते रहे हैं। वे हिंदू हैं, मुसलमान हैं या पारसी हैं, इस सवाल का जवाब अब उनसे पूछा जाना चाहिए। 

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कोमल यादव

AI Jihad: सदियों से हिंदुओं (Hindus) की सहिष्णुता और शांतिप्रियता का मजाक उड़ाया जाता रहा है। अब तो इन्हें आतंकी और नफरती तक कहा जाने लगा है। चंद दिन पहले ही लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इस तरह के बयान दे चुके हैं और राजनीतिक स्वार्थ के लिए कई विपक्षी पार्टियों को उनके नैरेटिव का समर्थन भी मिल रहा है।

यह बात अलग है कि उनके खुद के धर्म को ले कर सवाल उठते रहे हैं। वे हिंदू हैं, मुसलमान हैं या पारसी हैं, इस सवाल का जवाब अब उनसे पूछा जाना चाहिए।

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दिल है पाकिस्तानी?
इतिहास गवाह है कि इसी भेदभाव के कारण 1947 में देश का बंटवारा हो गया और हिंदुस्थान तथा पाकिस्तान बन गया, लेकिन देश के कुछ तथाकथित महान नेताओं के कारण कुछ मुसलमान यहीं रह गए और अब वे इस देश को एक बार फिर तोड़ने का षड्यंत्र रच रहे हैं। उनका शरीर तो हिंदुस्तानी है लेकिन दिल-दिमाग पाकिस्तानी है। वे खाते यहां का है और गाते पाकिस्तान का हैं। कभी हिंदू रहे उन मुसलमानों में धार्मिक कट्टरता ऐसी है कि उन्हें गद्दार कहना गलत नहीं होगा।

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AI द्वारा हिंदू देवी-देवताओं का अपमान
फिलहाल समय के साथ दुनिया हाईटेक की ओर जहा बढ़ रही है। लेकिन यहां भी हिंदुओं के साथ अन्याय होता दिख रहा है। हम ये दावा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि हाल ही में दुबारा से हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान किया गया। इसलिए इस कुकर्म को उजागर करना ओर इसके पीछे की इकोसिस्टम को समझना जरुरी हो जाता है। मुद्दे की बात यह है कि ये उपहास कोई धर्मपंथी नहीं बल्कि AI द्वारा किया जा रहा है।

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हिंदुओं के खिलाफ षड्यंत्र
AI चैटबॉट आपके हर सवाल का जवाब देता है। स्टेप-बाय-स्टेप कुकिंग निर्देश देने से लेकर फिटनेस शेड्यूल बनाने तक। AI टूल यह सब कर सकता है इसके साथ ही इसमें हिंदू देवी- देवताओं, इस्लाम और ईसाई धर्म पर चुटकुले सुनाना भी शामिल है। जी हां, आपने सही पढ़ा। इसी से जुड़ा एक मामला सामने आया है, जहां सोशल मीडिया पर एक यूजर ने ये दावा किया कि व्हाट्सएप के मेटा AI हिंदू देवताओं और इस्लाम पर चुटकुले सुनाता है ओर वो पोस्ट वायरल भी हुआ है। लेकिन, ध्यान देने वाली बात यह है कि इसमें हिंदू देवताओं और इस्लाम पर चुटकुले सुनाने पर दोगलापन दिखाया गया है। व्यक्ति ने ये दावा किया की मेटा AI ने हिन्दू देवी-देवताओं पर जम कर चुटकुले सुनाए लेकिन मुसलमानों के पैगंबर मुहम्मद पर आपत्ति जताई। फैक्ट चेक करने पर पता चला कि ये दावा सत्य है!

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तथ्यों की जांच
आप फोटो से देख सकते हैं कि जोक पूछे जाने पर दोनों धर्म के लिए अलग- अलग प्रतिक्रिया मिली। इस फोटो से आप साफ फर्क देख सकते हैं कि Meta AI ने व्हाट्सएप पर हिंदू और ईसाई धर्मों का तो मजाक उड़ाया (Whatsapp jokes), लेकिन इस्लाम के प्रति सम्मान बनाए रखा। जब हमने राम पर चुटकुला सुनाने के लिए कहा तो चैटबॉट ने तुरंत एक बढ़िया चुटकुला सुनाया, लेकिन दूसरी ओर जब यही सवाल अल्लाह या पैगम्बर मोहम्मद के बारे में पूछा गया तो जवाब अलग था। उसने कहा कि, “यह अपमानजनक हो सकता है। वह अल्लाह या किसी धार्मिक व्यक्ति पर चुटकुला नहीं सुना सकता। क्या आप किसी और चीज पर चुटकुला सुनना चाहेंगे?” वह अल्लाह पर चुटकुले सुनाने से डरता है और हिन्दू देवी-देवताओं पर खुल कर जोक्स क्रैक करता है।

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चैट जीपीटी का दोगलापन
हम यहीं नहीं रुके। हमने यह प्रयोग चैट जीपीटी के साथ भी किया और पाया कि वे भी ऐसा ही दोगलापन करता है। दरअसल किसी भी धर्म/मजहब/पंथ की पवित्र हस्तियों पर टिप्पणी गलत है, उनका मजाक नहीं बनाया जाना चाहिए। लेकिन, महत्वपूर्ण बात यह है कि सवाल वही है तो जवाब अलग-अलग क्यों ? क्या अपने सोचा ये ऐसा क्यों हुआ?

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AI चैटबॉट कैसे करता है काम?
चैटबॉट एक ऐसा प्रोग्राम होता है, जहां सारे सवाल जवाब पहले ही कोड कर दिए जाते हैं। इस कारण आपके सवाल पूछने पर तुरन्त एल्गोरिथम सेट करके आपके सवालों का कुछ मिनटों में जवाब दिया जाता है। आम भाषा में कहा जाए तो, जो उसे बोलने के लिए कहा जाता है वो वही बोलता है। यानी ये AI की गलती नहीं है !ये सोची -समझी साजिश है, जो हिंदू धर्म को नीचा दिखाने के लिए किया जा रहा है और अगर ऐसा नहीं है तो आखिर अल्लाह पर मजाक पूछने पर ये वही जवाब क्यों नहीं देता, जो एक हिंदू देवी- देवता पर दिया जाता है ? AI भले ही आज के युग में काफी मददगार हो पर जितने उसके फायदे हैं उतने उसके नुकसान भी हैं।

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AI चैटबॉट और पिछला विवाद
ये पहली बार नहीं है, जब AI ने हिन्दू धर्म को अपमान किया हो। इससे पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं, जब AI चैटबॉट ने हिंदू धर्म का उपहास किया है। उदाहरण के लिए, Google के जेमिनी और माइक्रोसॉफ्ट के CoPilot जैसे AI चैटबॉट्स ने अपनी प्रतिक्रियाओं के कारण खुद को विवादों के बीच में पाया। Google के जेमिनी को हाल ही में कई उपयोगकर्ताओं द्वारा नस्लवादी माना गया था क्योंकि उसने ऐतिहासिक श्वेत हस्तियों को गलत तरीके से रंगीन लोगों के रूप में चित्रित किया था। इसी तरह, माइक्रोसॉफ्ट का कोपायलट (जिसे पहले बिंग कहा जाता था) पिछले साल गलत व्यवहार करने और विचित्र प्रतिक्रियाएं देने के कारण जांच के दायरे में था। प्रतिक्रिया के रूप में, Google ने जेमिनी की मानव आकृतियों की छवियां बनाने की क्षमता पर प्रतिबंध लगा दिया था और Microsoft ने पिछले साल बिंग की प्रतिक्रियाओं पर एक सीमा मर्यादित कर दी थी।

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क्या सरकार करेगी कार्रवाई?
अब ये देखना जरूरी होगा कि क्या ऐसी साजिश को रोकने के लिए कोई बड़ा कदम उठाया जाएगा? क्या सरकार इस पर कोई कार्रवाई करेगी? क्या मेटा AI और चैट जीपीटी के संस्थापकों पर इस कदाचार के लिए कार्रवाई होगी ?

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