जून 2020 में शुरू हुआ भारत-चीन सीमा विवाद अभी भी बरकार है। हर बार अपनी ही बात से मुकर जाने वाले चीन ने एक बार फिर वही रवैया अपनाया है। उसने पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग, गोगरा और देपसांग के तनाव वाले क्षेत्रों से पीछे हटने से इनकार कर दिया है। यही नहीं, चीन भारत को अब कड़े तेवर भी दिखाने लगा है। उसने कहा है कि भारत को जो मिल गया है, उससे उसे खुश हो जाना चाहिए।
11 दौर की सैन्य वार्ता पूरी
पिछले हफ्ते ही दोनों देशों के बीच 11वें दौर की सैन्य वार्ता हुई है, जो 13 घंटे चली थी। इससे पहले चीन हॉट स्प्रिंग, गोगरा और देपसांग में पीछे हटने को तैयार था, लेकिन इस वार्ता में वह इससे मुकर गया। जानकार इसे चीन की बड़ी चाल बता रहे हैं। उनका मानना है कि चीन अब चाहता है कि भारत एलएसी के पास पेट्रोलिंग पॉइंट 15 और 17 पर नई स्थिति को स्वीकार करे। चीन इन इलाकों में अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति बरकार रखने से भी इनकार कर रहा है।
चीन के 60 सैनिक तैनात
भारत की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार गोगरा- हॉट स्प्रिंग इलाकों में चीन के करीब 60 सैनिक अप्रैल 2020 की स्थिति से आगे पेट्रोलिंग कर रहे हैं। इस इलाके को खाली करने की प्रक्रिया को तब तक पूरी नहीं मानी जाएगी, जब तक चीन अपने सैनिकों को वापस नहीं बुला लेता।
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क्षेत्र भारत तथा चीन के लिए काफी महत्वपूर्ण
बता दें कि ये क्षेत्र भारत तथा चीन के लिए सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। चीन गोगरा, हॉट स्प्रिंग और कोंगका ला क्षेत्र में तैनात अपने सैनिकों के लिए भारी मात्रा में राशन पहुंचा रहा है। 10वें दौर की सैन्य वार्ता 20 फरवरी को हुई थी। इस बैठक में दोनों देशों की सेनाएं पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से अपने-अपने सैनिकों और टैंकों को पीछे हटाने पर राजी हो गई थीं, लेकिन अब चीन अपने वादे से मुकर रहा है।