Swati Maliwal assault case: आरोपित बिभव कुमार की गिरफ्तारी को चुनौती पर फैसला सुरक्षित रखा

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Swati Maliwal assault case: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट के आरोपित बिभव कुमार की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।

दिल्ली पुलिस को नोटिस
इसके पहले 1 जुलाई को जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच ने बिभव कुमार की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को सुनवाई योग्य मानते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस कर जवाब तलब किया था और इस मामले को रोस्टर बेंच के समक्ष लिस्ट करने का आदेश दिया।

बिभव की दलील
सुनवाई के दौरान बिभव के वकील एन हरिहरन ने कहा था कि इस मामले में जांच अधिकारी को यह देखना चाहिए था कि उसमें गिरफ्तारी की जरूरत है या नहीं, उसके बाद ही उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा था कि अर्नेश कुमार के फैसले के आधार पर गिरफ्तारी को चुनौती दी जा सकती है। बिभव के वकील ने कहा कि गिरफ्तारी से पहले गिरफ्तारी के आधार और वजह आरोपित को नहीं बताया गया। गिरफ्तार के आधार को लिखित में दर्ज करना है। अपराध प्रक्रिया की धारा 41ए के प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है।

गिरफ्तारी को बताया अवैध
बिभव कुमार ने अपनी गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताते हुए मुआवजे की मांग की है। बिभव कुमार ने कहा है कि उनकी गिरफ्तारी करते समय अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए का पालन नहीं किया गया है। बिभव कुमार फिलहाल पुलिस हिरासत में है।

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ऐसे चली थी सुनवाई
28 मई को तीस हजारी कोर्ट ने बिभव कुमार को तीन दिनों की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया था। 27 मई को तीस हजारी कोर्ट ने बिभव कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान स्वाति मालीवाल ने कोर्ट में कहा था कि एक बहुत बड़ा यूट्यूबर है जो पहले आम आदमी पार्टी का वालंटियर था उसने एकतरफा वीडियो बनाया। उसके बाद उन्हें लगातार जान से मारने और रेप की धमकी आने लग गए।

दिल्ली पुलिस की दलील
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा था कि पीड़ित महिला की छवि बहुत अच्छी है। उस अकेली महिला को आरोपित द्वारा मारा जा रहा है। उसे छाती और गर्दन पर मारा गया, उसे घसीटा गया, जिस दौरान उसका सिर सेंटर टेबल से टकरा गया। यह सवाल नहीं है कि क्या इससे उसकी मौत नहीं हो सकती। आप एक महिला को इस तरह से मार रहे हैं कि उसका बटन खुल गया। उन्होंने कहा था कि एक सवाल है कि वह मौजूदा सांसद हैं। वह दिल्ली महिला आयोग की चेयरपर्सन रह चुकी हैं।

मालीवाल ने 17 मई को दर्ज कराया था बयान
उल्लेखनीय है कि इस मामले में स्वाति मालीवाल ने 17 मई को कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया था। घटना 13 मई की है। दिल्ली पुलिस ने 16 मई को स्वाति मालीवाल का बयान दर्ज कर एफआईआर दर्ज किया था। बिभव कुमार ने दिल्ली हाई कोर्ट में जमानत याचिका भी दायर कर रखी है जो अभी लंबित है।

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