रेमडेसिविर पर रात भर चला हाई वोल्टेज ड्रामा! जानिए, पूरी कहानी

मुंबई में ब्रुक फार्मा कंपनी के मालिक राजेश डोकानिया को 17 अप्रैल की रात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद महाराष्ट्र विधासभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस और विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर आधी रात को विले पार्ले पुलिस स्टेशन पहुंच गए।

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कोरोना काल में देश में राजनीति भी खूब हो रही है। ऐसी ही राजनीति 17 अप्रैल की रात महाराष्ट्र में भी देखने को मिली। रात भर चला यह राजनीतिक खेल आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। फिलहाल ब्रुक फार्मा कंपनी के मालिक राजेश डोकानिया को 17 अप्रैल की रात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद महाराष्ट्र विधासभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस और विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर आधी रात को विले पार्ले पुलिस स्टेशन पहुंचे। यहां तक तो सबको मालूम है लेकिन हर कोई 17 अप्रैल की रात की पूरी कहानी जानना चाहता है। हम यहां रात की पूरी कहानी विस्तार से बताते हैं।

पुलिस आयुक्त ने फडणवीस का फोन नहीं उठाया
नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने विले पार्ले पुलिस स्टेशन के अधिकारियों से पूरे मामले में पूछताछ की। फिर उन्होंने अपना मोबाइल निकाला और सीधे मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नगराले को फोन किया। हालांकि, विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक उनके पांच बार फोन करने पर भी नगराले ने फडणवीस का फोन नहीं उठाया। इस पर व्यंग्य करते हुए फडणवीस ने कहा कि आपका पुलिस कमिश्नर सो रहा होगा, इसलिए उसने मेरा फोन नहीं उठाया।

पुलिस स्टेशन में हुआ क्या?
देवेंद्र फडणवीस पुलिस स्टेशन में बहुत गुस्से में थे। नाराज फडणवीस ने कहा कि यह गलत हुआ है। मैं आपको दोष नहीं देता, लेकिन आपने जो किया, वह सही नहीं है। वे (डोकानिया) हमें रेमेडेसिविर देने जा रहे हैं और आपने उन्हें हिरासत में ले लिया है। यह बिल्कुल भी सही नहीं है। उन्हें धमकी भी दी गई है।

शिंगे ने फडणवीस को समझाने की कोशिश की
उनकी इस शिकायत पर पुलिस उपायुक्त मंजुनाथ शिंगे ने कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी, सर, यह कोई पूर्व नियोजित योजना नहीं है। शिंगे ने फडणवीस को समझाने की कोशिश की। फडणवीस ने सवाल किया, डोकानिया को इसकी अनुमति है, उन्हें शाम 6 बजे अनुमति दी गई थी, फिर आपने उन्हें गिरफ्तार क्यों किया?

शिंगे ने लिया एफडीए का नाम
फडणवीस के यह कहने पर शिंगे ने कहा कि डोकानिया के पास 60,000 रेमडेसिविर इंजेक्शन थे। इसलिए हमने उन्हें खाद्य और औषधि प्रशासन के आदेश पर पकड़ा। हालांकि, बाद में खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) ने अपने हाथ खड़े कर दिए और पुलिस को कानूनी दस्तावेजों के आधार पर डोकानिया को छोड़ना पड़ा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मंजुनाथ शिंगे ने कहा कि एफडीए द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर डोकानिया को गिरफ्तार किया गया। लेकिन एफडीए के इनकार करने पर शिंगे मुश्किल में पड़ गए। जब फडणवीस ने पुलिस से इस बारे में जोर देकर पूछना शुरू किया, तो शिंगे ने बात करनी बंद कर दी। पता चला है कि विश्वास नांगरे पाटिल ने इसमें मध्यस्थता की है और मंजुनाथ शिंगे ने भी माफी मांग ली है।

डोकानिया के पास थे अनुमति पत्र
डोकानिया के पास 60,000 रेमडेसिविर इंजेक्शन थे। भले ही पुलिस कहे कि हमने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन असली कारण अब सामने आ रहे हैं।  डोकानिया की कंपनी द्वारा निर्यात के लिए ये इंजेक्शन कार्गो में रखे गए थे, लेकिन केंद्र ने फिलहाल इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसलिए डोकानिया ने ये इंजेक्शन महाराष्ट्र को देने का फैसला किया था। इसके लिए उसने गुजरात के एफडीए और महाराष्ट्र के एफडीए से अनुमति पत्र प्राप्त की थी। पता चला है कि महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें 17 अप्रैल की शाम 6 बजे पत्र दिया था।

नवाब मलिक का आरोप
राजेश डोकानिया को पुलिस हिरासत में लेने के बाद फडणवीस, दरेकर, विधायक प्रसाद लाड और स्थानीय विधायक पराग अलवानी थाने पहुंचे थे। अगर पुलिस को कोई सूचना मिलती है, तो वह पूछताछ के लिए बुलाती है। कालाबाजारी को रोकना पुलिस का काम है। लेकिन ब्रुक फार्मा कंपनी के इस मालिक के लिए, राज्य के दो विपक्षी नेता सीधे पुलिस स्टेशन गए। वे इस बारे में फोन पर जानकारी ले सकते थे। उन्हें पुलिस थाने में जाने की जरुर नहीं थी। लेकिन फडणवीस, दरेकर वहां गए। डोकानिया को पुलिस द्वारा पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर भाजपा क्यों डरी हुई है? फडणवीस पेशे से वकील हैं, क्या वह डोकानिया के वकील के रुप में काम कर रहे थे या वे उनका बचाव कर रहे थे क्योंकि उनके साथ उनका संबंध है ? ये जानना महत्वपूर्ण है कि डोकानिया के साथ विपक्ष के नेता का क्या संबंध है?

ये है मामला
राज्य में कुछ दिनों से रेमडेसिविर इंजेक्शन की भारी कमी है। राज्य सरकार रेमेडेसिविर इंजेक्शन प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रही है। इसलिए 12 अप्रैल को भाजपा नेता प्रसाद लाड और प्रवीण दरेकर दमण में ब्रुक फार्मा कंपनी के कार्यालय पहुंचे थे। उस समय, भाजपा नेताओं ने कहा था कि कंपनी महाराष्ट्र को 50,000 इंजेक्शन देगी।

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