Punjab शिरोमणि अकाली दल में बगावत से दिल्ली की सिख राजनीति में हलचल

पंजाब में भड़के विद्रोह का असर दिल्ली की सिख राजनीति पर भी पड़ता दिख रहा है। बादल से असंतुष्ट अकाली नेता बागियों का समर्थन कर रहे हैं।

135

Punjab: लोकसभा चुनाव में बेहद खराब प्रदर्शन के बाद शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) में बगावत की आशंका पैदा हो गई है। पंजाब में पार्टी नेताओं ने अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ आरोप लगाना शुरू कर दिया है। उन्होंने बादल की जगह किसी और नेता को पार्टी अध्यक्ष बनाने की मांग की है।

पंजाब में भड़के विद्रोह का असर दिल्ली की सिख राजनीति पर भी पड़ता दिख रहा है। बादल से असंतुष्ट अकाली नेता बागियों का समर्थन कर रहे हैं। वो दिल्ली में शिअद बादल के अन्य नेताओं को अपने साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, प्रदेश अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना बादल के साथ खड़े हैं।

सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ खोला मोर्चा
पंजाब में प्रेम सिंह चंदूमाजरा और अन्य पुराने अकाली नेताओं ने सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।  दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका और महासचिव जगदीप सिंह काहलों समेत अन्य नेता उनका समर्थन कर रहे हैं। कालका और उनके साथियों ने ढाई साल पहले शिअद बादल की टिकट पर डीएसजीएमसी का चुनाव जीता था। उस समय वह पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष थे, लेकिन बाद में उन्होंने शिअद बादल छोड़ दिया और अपनी नई पार्टी शिरोमणि अकाली दल दिल्ली प्रदेश बना ली। उन्होंने अकाली दल के खराब प्रदर्शन के लिए बादल को जिम्मेदार ठहराया।

104 साल पुरानी पार्टी
104 साल पुरानी पार्टी अकाली दल का कमजोर होना चिंता का विषय है।  पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा है कि बगावत रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है। शिअद बादल की दिल्ली इकाई में भी बगावत के हालात हैं।

PM Modi Russia Visit: प्रधानमंत्री मोदी को मिला मॉस्को रूस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, जानें क्या है सेंट एंड्रयू द एपोस्टल?

इन नेताओं को पार्टी से निकाला
1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए लड़ने वाले कुलदीप सिंह भोगल समेत गुरदेव सिंह भोला, तेजवंत सिंह और रविंदर सिंह खुराना को पार्टी से निकाल दिया गया है। सरना ने इन नेताओं पर लोकसभा चुनाव में बीजेपी का समर्थन करने का आरोप लगाया है। इसका विरोध करते हुए भोगल सरना पर सिख विरोधी दंगों के आरोपी कांग्रेस नेताओं का शुभचिंतक होने का आरोप लगाया गया है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.