Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई टाल दी है। सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजय कुमार ने खुद को सुनवाई से अलग किया। जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई करने का आदेश दिया।
जमानत देने से मना करने को चुनौती
सिसोदिया ने 21 मई को दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से जमानत देने से मना करने के आदेश को चुनौती दी है। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि सिसोदिया ने पद का दुरुपयोग किया। घोटाले के इलेक्ट्रॉनिक सबूत भी मिटाए। वह बाहर आकर सबूत और गवाहों पर असर डाल सकते हैं। हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश वकील जोहेब हुसैन ने कहा था कि इस मामले के ट्रायल में आरोपितों की वजह से देरी हो रही है। मनीष सिसोदिया की ओर से जमानत की मांग करते हुए दलील दी गई थी कि अभी भी इस मामले में ईडी और सीबीआई की जांच जारी है। सिसोदिया की ओर से वरिष्ठ वकील दायन कृष्णन ने कहा था कि इस मामले में अभी भी गिरफ्तारी जारी है।
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सीबीआई ने दायर की है दो पूरक चार्जशिट
सुनवाई के दौरान दायन कृष्णन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करके कहा था कि सीबीआई ने इस मामले में एक मुख्य चार्जशीट और दो पूरक चार्जशीट दाखिल की है। ईडी ने एक मुख्य चार्जशीट और छह पूरक चार्जशीट दाखिल की है। दोनों मामलों में अभी जांच जारी है। इस मामले में अभी गिरफ्तारी भी जारी है। सबसे ताजा गिरफ्तारी 3 मई को हुई। उन्होंने कहा था कि एक आरोपित के खिलाफ तो अभी आरोप भी तय नहीं किए गए हैं। ट्रायल कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान इस पहलू पर गौर नहीं किया। उन्होंने कहा कि ट्रायल शुरू करने की दिशा में शून्य काम हुआ है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक मनीष सिसोदिया को जमानत दी जानी चाहिए।