Pooja Khedkar: आईएएस पूजा खेडकर पर पुणे कलेक्टर के कार्यालय में विवाद होने के बाद उन्हें वाशिम में स्थानांतरित कर दिया गया है। उनकी विभिन्न कहानी-किस्से लगातार सामने आ रहे हैं।
पूजा खेडकर पत्रकारों से घिरी हुई थीं। उनसे पुणे में ओबीसी जाति प्रमाण पत्र के बारे में भी पूछा गया। इस पर, पूजा खेडकर ने कहा, “मैं आज वाशिम जा रही हूं। मैं यहां काम करना चाहती हूं। मैं आधिकारिक तौर पर इस बारे में कुछ भी नहीं कह सकती। क्षमा करें, मैं इसके बारे में कुछ नहीं कह सकती।”
पूजा खेडकर का क्या है मामला?
पूजा खेडकर ने पुणे कलेक्टर के कार्यालय के दुरुपयोग के संबंध में अतिरिक्त मुख्य सचिव नितिन गाद्रे को एक रिपोर्ट भेजी। इसके बाद उनको पुणे से वाशिम में स्थानांतरित कर दिया गया। यह एक ट्रेनी अधिकारी के तबादले की एक दुर्लभ घटना माना जाता है।
पूजा खेडकर ने पहले कुछ हद तक विकलांगता की श्रेणी में आवेदन किया था। बाद में उन्होंने पूर्ण विकलांगता श्रेणी में परीक्षा के लिए आवेदन किया। हालांकि, चयन के बाद मेडिकल परीक्षा के लिए कॉल करने के बाद वह दिल्ली में एम्स अस्पताल में नहीं पहुंची। लेकिन उन्हें अपने दस्तावेजों के मैच नहीं करने के कारण नौकरी से क्यों बर्खास्त नहीं किया गया? ऐसा सवाल उठाया जा रहा है।
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प्रधानमंत्री कार्यालय का हस्तक्षेप
पूजा खेडकर को उन तथ्यों की पृष्ठभूमि में देखा जाता है, जो जिला कलेक्टर के कार्यालय में उनके दुर्व्यवहार की पृष्ठभूमि साथ आई हैं। यह मामला दिल्ली पहुंच गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने सीधे पूजा खेडकर पर पुणे कलेक्टर से रिपोर्ट मांगी है। पूजा खेडकर, जो केंद्रीय प्रशासनिक सेवा में अधिकारी हैं, पर दिल्ली से कार्रवाई किए जाने की संभावना है।