आबकारी नीति घोटाले (Excise Policy Scam) से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) जांच में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की गिरफ्तारी (Arrest) को चुनौती देने वाली दिल्ली (Delhi) के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) शुक्रवार (12 जुलाई) को अपना फैसला सुनाएगा। जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने 17 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। आम आदमी पार्टी के प्रमुख ने दिल्ली हाई कोर्ट के 9 अप्रैल के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखा गया था।
दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखते हुए कहा था कि इसमें कोई अवैधता नहीं है और जांच में शामिल होने से उनके बार-बार इनकार करने के बाद ईडी के पास कोई विकल्प नहीं बचा था।
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21 मार्च को गिरफ्तार हुए थे केजरीवाल
प्रवर्तन निदेशालय ने 21 मार्च को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। निचली अदालत ने 20 जून को उन्हें एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर इस मामले में जमानत दे दी थी। हालांकि, ईडी ने अगले दिन दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया और दलील दी कि अरविंद केजरीवाल को जमानत देने वाला निचली अदालत का आदेश एकतरफा और गलत था। अरविंद केजरीवाल को कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में 26 जून को सीबीआई ने भी गिरफ्तार किया था।
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