विधान परिषद (Legislative Council) की 11 सीटों के लिए शुक्रवार (12 जुलाई) को होने वाले चुनाव (Elections) में कड़ा मुकाबला होने वाला है। 11 सीटों पर 12 उम्मीदवार मैदान में होने के कारण सभी राजनीतिक पार्टियां (Political Parties) अपने-अपने उम्मीदवारों (Candidates) को चुनने के लिए कमर कस रही हैं। भाजपा (BJP) से 5 उम्मीदवार पंकजा मुंडे, परिणय फुके, सदाभाऊ खोत, अमित गोरखे और योगेश टिलेकर, शिवसेना से 2 उम्मीदवार कृपात तुमाने और भावना गवली, एनसीपी अजित पवार गुट से 2 उम्मीदवार शिवाजीराव गरजे और राजेश विटेकर, कांग्रेस (Congress) से प्रज्ञा राजीव सावंत, शिवसेना ‘ऊबाठा’ से मिलिंद, एनसीपी ‘शरद पवार’ के जयंत पाटिल समेत कुल 12 उम्मीदवार नार्वेकर और शरद पवार गुट के समर्थन से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
विधान परिषद चुनाव में 274 विधायक मतदान करने जा रहे हैं। एक उम्मीदवार की जीत के लिए 23 वोटों का कोटा तय किया गया है। महायुति के पास 197 विधायकों की ताकत है और उसके 9 उम्मीदवार मैदान में हैं। महाविकास आघाड़ी के पास 69 विधायकों की ताकत है और उनके 3 उम्मीदवार मैदान में हैं।
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भाजपा के पास 103 विधायक हैं। 5 उम्मीदवारों को चुनने के लिए 115 वोटों की जरूरत है। शीर्ष 12 वोटों के लिए भाजपा को सहयोगियों और निर्दलियों पर निर्भर रहना होगा। अगर 5 निर्दलीय विधायकों और 7 अन्य विधायकों ने भाजपा के परदे में वोट डाला तो अनुमान है कि भाजपा के पांचों उम्मीदवार जीत सकते हैं।
शिवसेना शिंदे गुट के पास 38 विधायक हैं। 2 उम्मीदवारों को चुनने के लिए 46 वोटों की जरूरत है। शीर्ष 9 वोटों के लिए शिवसेना को शिंदे गुट को चुनौती देनी होगी। अगर 6 निर्दलीय विधायकों और बच्चू कडू की पार्टी के 2 विधायकों के वोट मिल गए तो संभव है कि दोनों उम्मीदवार जीतने में सफल रहेंगे।
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