Supreme Court: दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में सर्वोच्च न्यायालय के दो जजों की बेंच ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत तो दे दी है, लेकिन आगे की राह आसान नहीं है। जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा अरविंद केजरीवाल 90 से अधिक दिनों से जेल में बंद हैं। उनको लोकसभा चुनाव के दौरान जिन शर्तों पर रिहा किया गया था, उन्हें शर्तों पर फिर रिहा किया जाएगा।
बेंच ने अपने आदेश में कहा है कि केजरीवाल एक चुने हुए नेता हैं। लेकिन वे मुख्यमंत्री बने रहेंगे या नहीं, इस बारे में कोर्ट निर्देश नहीं दे सकता। मुख्यमंत्री बने रहने या नहीं रहने की जिम्मेदारी हम केजरीवाल पर छोड़ते हैं।
अभी तिहाड़ जेल में ही रहेंगे केजरीवाल
केजरीवाल अभी जमानत पर जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें ईडी की ओर से की गई गिरफ्तारी के मामले में अंतिम जमानत दी है। कुछ दिन पहले सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया था। अब सीबीआई की ओर से हुई गिरफ्तारी मामले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। इस मामले की सुनवाई 17 जुलाई को होनी है।
क्या है पूरा मामला?
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को नौ अप्रैल के आदेश को चुनौती दी है, जिसने उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखा था। हाई कोर्ट का कहना था कि बार-बार समन दिये जाने के बाद भी पेश नहीं होने के बाद ईडी के पास कम विकल्प बचे थे।
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हाई कोर्ट से नहीं मिली थी राहत
मनी लांड्रिंग के मामले में केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। 20 जून को ट्रायल कोर्ट ने उन्हें एक लाख रुपए के पर्सनल बांड पर जमानत दी थी ।इसके बाद ईडी ने अगले ही दिन उसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी ।हाईकोर्ट ने 21 जून को ट्रायल कोर्ट के आदेश पर अंतिम रोक और 25 जून को विस्तृत आदेश जारी कर रोक लगा दी थी।