अमन दुबे
PM Modi’s Russia visit: रूस (Russia) और ऑस्ट्रिया (Austria) के दौरे पर गए प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के करिश्मे की चर्चा पूरी दुनिया कर रही है। अमेरिका (America) से लेकर चीन (China) तक भारत (India) का लोहा मान रहे हैं। प्रधानमंत्री अपना विदेश दौरा पूरा करके 11 जुलाई को स्वदेश लौट आए। भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर अपने तीसरे कार्यकाल में पीएम मोदी की यह पहली रूस यात्रा थी।
यूक्रेन में बच्चों के अस्पताल पर रूसी हमले के बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मौजूदगी में प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए बयान ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई ऊंचाइयां दी हैं। वहीं, प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रिया के विएना में भी शांति की बात कही। पीएम मोदी के इस दौरे की अंतरराष्ट्रीय मीडिया में खूब तारीफ हुई।
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भारत ने दुनिया को बुद्ध दिया, युद्ध नहीं
मंगलवार (9 जुलाई) को मोदी ऑस्ट्रिया की दो दिवसीय यात्रा पर मॉस्को से वियना पहुंचे थे। वहां पीएम मोदी ने एक सामुदायिक कार्यक्रम को संबोधित किया, जहां उन्होंने कहा कि भारत और ऑस्ट्रिया के बीच ऐतिहासिक संबंधों ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान और व्यापार के मामले में दोनों देशों को लाभ पहुंचाया है। कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने हजारों सालों से दुनिया के साथ ज्ञान और विशेषज्ञता साझा की है। उन्होंने कहा कि भारत ने युद्ध के बजाय शांति और समृद्धि को बढ़ावा दिया है। भारत ने दुनिया को बुद्ध दिया था, युद्ध नहीं।
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युद्ध रोकने की भारत की क्षमता
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे से प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच बैठक के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका रणनीतिक साझेदार हैं। दोनों देशों के बीच हर मुद्दे पर स्पष्ट बातचीत होती है। जब यूक्रेन की बात आती है तो भारत समेत सभी देश स्थायी शांति हासिल करने के प्रयासों का समर्थन करते हैं। कैरिन जीन-पियरे ने कहा कि अमेरिका का मानना है कि भारत में रूस से बातचीत करके युद्ध रोकने की क्षमता है।
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पांच वर्ष में पहली रूस यात्रा
पिछले पांच सालों में पीएम मोदी की यह पहली रूस यात्रा है। फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद से यह उनकी पहली मॉस्को यात्रा थी। यह पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल की पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा भी है। इससे पहले उन्होंने 2019 में रूस का दौरा किया था, जहां उन्होंने पूर्वी शहर व्लादिवोस्तोक में एक आर्थिक सम्मेलन में भाग लिया था।
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चर्चा में पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में मॉस्को में 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में कई मुद्दों पर चर्चा की। इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना था, खासकर रणनीतिक भू-राजनीतिक तनाव के संदर्भ में। राजनीतिक जानकारों के अनुसार, वार्षिक शिखर सम्मेलन में मोदी और पुतिन के लिए दोतरफा व्यापार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सीधी बातचीत पर ध्यान केंद्रित किया। भारत और रूस ने 2025 तक 30 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य रखा था, यह आंकड़ा 2023-24 में बढ़कर 65.7 बिलियन डॉलर हो गया, इसके पीछे मुख्य कारण पश्चिमी देशों के प्रतिबंध और मूल्य सीमा लागू होने के बाद भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद है। हालांकि व्यापार अभी भी पूरी तरह से रूसी पक्ष में है। वहीं, भारतीय निर्यात 5 बिलियन डॉलर से कम है। भारत दोतरफा व्यापार को संतुलित करने की कोशिश करेगा।
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भारत और रूस की रणनीति
मामले की जानकारी रखने वालों का कहना है कि भारतीय पक्ष से रूस पर अपने आयात का विस्तार और विविधता लाने के लिए दबाव डालने की उम्मीद है। दोनों पक्ष राष्ट्रीय मुद्राओं में भुगतान को सुव्यवस्थित करने और रूस की बैंकिंग प्रणाली पर पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण लगे प्रतिबंधों पर काबू पाने पर भी ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
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ऑस्ट्रिया की यात्रा से भारत को लाभ!
राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, ऑस्ट्रिया मध्य यूरोप का एक प्रमुख देश है। ऑस्ट्रिया बुनियादी ढांचे, नवीकरणीय ऊर्जा, उच्च प्रौद्योगिकी, स्टार्ट-अप और मीडिया एवं मनोरंजन जैसे क्षेत्रों में सहयोग के लिए बेहतरीन अवसर प्रदान करता है। भारत और ऑस्ट्रिया के बीच 2023 में द्विपक्षीय व्यापार 2.93 बिलियन डॉलर था। भारत ऑस्ट्रिया को इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़ा, जूते और रसायन बेचता है। ऑस्ट्रिया मशीनरी, ऑटोमोटिव पार्ट्स और रसायन भारत को भेजता है।
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महत्वपूर्ण मध्य यूरोपीय देश
भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि ऑस्ट्रिया एक महत्वपूर्ण मध्य यूरोपीय देश है। यहां अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी, संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन, ड्रग्स एवं अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय और यूरोप में सुरक्षा एवं सहयोग संगठन के मुख्यालय हैं। यह यात्रा फरवरी में भारत-ऑस्ट्रिया स्टार्टअप ब्रिज के शुभारंभ के कुछ महीने बाद हुई है।
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सर्वोच्च नागरिक सम्मान
हर देश का अपना सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार होता है जो समय-समय पर अपने या दूसरे देश के लोगों को दिया जाता है। यह सम्मान उन नागरिकों को दिया जाता है, जिन्होंने कुछ बहुत बड़ा या अलग काम किया हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हाल ही में रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ से सम्मानित किया गया। राजधानी मॉस्को में आयोजित समारोह में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी को यह सम्मान दिया। पीएम मोदी को यह सम्मान ऐसे समय दिया गया, जब पूरी दुनिया, खासकर पश्चिमी देशों की निगाहें पीएम मोदी के दौरे पर टिकी थीं।
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