UP BJP Meeting: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के उपमुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) और भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) (भाजपा) के वरिष्ठ नेता (Senior Leader) केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने सरकार के मुकाबले पार्टी संगठन की प्राथमिकता पर जोर दिया। भाजपा की एक दिवसीय राज्य कार्यसमिति की बैठक के दौरान उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पार्टी का ढांचा और उसका कैडर हमेशा सरकार से अधिक महत्वपूर्ण रहेगा।
मौर्य ने कहा कि सभी मंत्रियों, विधायकों और जनप्रतिनिधियों को पार्टी कार्यकर्ताओं का सम्मान करना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी गरिमा बरकरार रहे। अपने भाषण में मौर्य ने हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों पर विचार किया और माना कि वे पार्टी की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। उन्होंने इन चुनावी असफलताओं के लिए विपक्ष द्वारा फैलाए गए “झूठ और धोखे” को जिम्मेदार ठहराया।
जो भी होता है घटनाक्रम,रचता स्वयं विधाता है।
आज लगे जो दंड वही, कल पुरस्कार बन जाता हैं॥
निश्चित होगा प्रबल समर्थन,अपने सत्य विचार का।
कर्मवीर को फर्क न पड़ता,कभी जीत और हार का॥कार्यकर्ता ही मेरा गौरव व मेरा अभिमान है।@narendramodi @JPNadda @BJP4India @BJP4UP… pic.twitter.com/AA4WmnuFbz
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) July 15, 2024
‘पहले भाजपा कार्यकर्ता, बाद में उपमुख्यमंत्री’
यहां यह ध्यान देने वाली बात है कि भाजपा ने हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को लेकर लखनऊ में गहन विश्लेषण किया और नतीजों से जुड़े हर अहम बिंदु को चिन्हित करने का प्रयास किया। सभा को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी संबोधित किया, लेकिन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का बयान सुर्खियों में रहा। मौर्य ने सभा में कहा कि वह खुद को पहले भाजपा कार्यकर्ता मानते हैं, फिर उपमुख्यमंत्री। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संगठन हमेशा सर्वोच्च था, है और रहेगा।
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मौर्य ने क्या कहा?
“जो भी घटनाएं घटती हैं, उन्हें रचने वाला खुद बनाता है…आज दी गई सजा कल पुरस्कार में बदल सकती है…सच्चे विचारों को प्रबल समर्थन मिलता है…मेहनती कार्यकर्ता को जीत या हार से कोई फर्क नहीं पड़ता…कार्यकर्ता मेरा गौरव और मेरा सम्मान है,” मौर्य ने हिंदी में एक्स पर लिखा। उन्होंने कहा कि “झूठ की मशीन” बन चुके विपक्ष को जवाब देने का समय आ गया है। मौर्य ने कहा, ”अगर 2027 में सपा, बसपा और कांग्रेस एक हो जाएं तो भी हमें अपनी ताकत के दम पर 300 (403 सीटों में से) का लक्ष्य पार करना है। 2024 में जो भी कमी रह गई है, उसे हम 2027 में भारी बहुमत से भाजपा की सरकार बनाकर अपनी ताकत साबित करेंगे।”
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2019 में उसे 62 सीटें मिली थीं
हाल के लोकसभा चुनावों में, भाजपा ने उत्तर प्रदेश में 33 सीटें जीतीं, जबकि 2019 में उसे 62 सीटें मिली थीं। कांग्रेस ने छह सीटें जीतीं, जबकि उसकी इंडी ब्लॉक के सहयोगी समाजवादी पार्टी (सपा) को 80 में से 37 सीटें मिलीं।
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