Ashadhi Ekadashi: प्रधानमंत्री सहित इन नेताओं ने आषाढ़ी एकादशी पर लोगों को दी शुभकामनाएं, जानने के लिए पढ़ें

आषाढ़ी एकादशी, जिसे देवशयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, हिंदुओं के बीच अत्यधिक धार्मिक महत्व रखने वाली सबसे शुभ एकादशी में से एक मानी जाती है।

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Ashadhi Ekadashi: प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 17 जुलाई (बुधवार) को ‘आषाढ़ी एकादशी’ (Ashadhi Ekadashi) के पावन अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने भगवान विट्ठल (lord Vitthal) के आशीर्वाद की आशा और प्रार्थना व्यक्त करते हुए इस दिन की शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने कामना की कि ये आशीर्वाद आनंद और समृद्धि से भरे समाज के निर्माण में योगदान दें।

पीएम की पोस्ट में लिखा गया है, “आषाढ़ी एकादशी की बधाई! भगवान विट्ठल का आशीर्वाद हमेशा हम पर बना रहे और हमें आनंद और समृद्धि से भरे समाज के निर्माण के लिए प्रेरित करे। यह अवसर हम सभी में भक्ति, विनम्रता और करुणा की भावना भी जगाए। यह हमें मेहनत से सबसे गरीब लोगों की सेवा करने के लिए भी प्रेरित करे।”

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अमित शाह ने लोगों को शुभकामनाएं दीं
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस दिन की शुभकामनाएं देने के लिए एक्स का सहारा लिया। उन्होंने कहा, “सभी को आषाढ़ी एकादशी की शुभकामनाएं! इस मंगल दिवस के अवसर पर सभी वारकरियों, भक्तों को शुभकामनाएं, जो विठुमौली की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। श्री विट्ठल और रखुमाई हम सभी को सुख, समृद्धि और प्रगति का आशीर्वाद दें।” इस दिन मुंबई के वडाला में विट्ठल मंदिर में भी भक्तों की भीड़ उमड़ी। उत्तर प्रदेश के लोगों ने इस अवसर पर प्रयागराज में संगम में पवित्र डुबकी लगाकर अपनी प्रार्थना की।

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आषाढ़ी एकादशी का महत्व
आषाढ़ी एकादशी, जिसे देवशयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, हिंदुओं के बीच अत्यधिक धार्मिक महत्व रखने वाली सबसे शुभ एकादशी में से एक मानी जाती है। यह पवित्र दिन मुख्य रूप से भगवान विष्णु को समर्पित है, और ऐसा माना जाता है कि इस दिन, वे दूध के ब्रह्मांडीय सागर, जिसे क्षीर सागर के रूप में जाना जाता है, में गहरी नींद (योग निद्रा) में चले जाते हैं। हिंदू परंपरा के अनुसार, भगवान विष्णु चार महीने तक दिव्य निद्रा की इस अवस्था में रहते हैं, प्रबोधिनी एकादशी तक, जो चातुर्मास के अंत का प्रतीक है। इन चार महीनों के दौरान, भक्त विभिन्न अनुष्ठानों और प्रथाओं का पालन करते हैं, जो आध्यात्मिक चिंतन और तपस्या की अवधि को दर्शाते हैं। इस प्रकार आषाढ़ी एकादशी हिंदू कैलेंडर में आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण समय की शुरुआत का प्रतीक है, जो ईश्वर के साथ गहरे संबंध को बढ़ावा देती है।

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