Bangladesh violence: विदेश मंत्रालय (Foreign Ministry) (एमईए) ने 19 जुलाई (शुक्रवार) को कहा कि बांग्लादेश (Bangladesh) में सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित (Indian citizens safe) हैं। यह बात देश में आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों (Anti-reservation protests) के दौरान जारी हिंसा के बीच कही गई है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान सवालों के जवाब में कहा, “हमने बांग्लादेश में रहने वाले भारतीय नागरिकों, जिनमें हमारे छात्र भी शामिल हैं, को उनकी सुरक्षा और ज़रूरत पड़ने पर सहायता के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। लोगों से संपर्क करने के लिए 24X7 आधार पर हेल्पलाइन नंबर दिए गए हैं।”
#WATCH | MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, “As you are aware, there are protests which are happening in Bangladesh. We have around 8500 students and somewhere around 15,000 Indian nationals resident in the country. We have issued a travel advisory for people to be in touch… pic.twitter.com/T57YDkGuR6
— ANI (@ANI) July 19, 2024
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मामले पर करीबी नजर
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार, बांग्लादेश में लगभग 15,000 भारतीय नागरिक और 8,500 भारतीय छात्र हैं, जिनमें से कई मेडिकल कोर्स कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे भारतीय उच्चायोग और सहायक उच्चायोगों के संपर्क में हैं। बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शनों पर भारत के रुख पर सवालों के जवाब में उन्होंने कहा, “हम इसे देश का आंतरिक मामला मानते हैं।” विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि विदेश मंत्री जयशंकर खुद इस मामले पर करीबी नजर रख रहे हैं और ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग नियमित अपडेट मुहैया कराएगा। उन्होंने बांग्लादेश में रह रहे लोगों के परिजनों से आग्रह किया कि वे ताजा घटनाक्रम के लिए भारतीय अधिकारियों से संपर्क बनाए रखें।
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आरक्षण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
उन्होंने कहा, “हम बांग्लादेश में अपने नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग ने पहले बांग्लादेश में भारतीय समुदाय के सदस्यों और भारतीय छात्रों को एक परामर्श जारी किया था, जिसमें उनसे “स्थानीय यात्रा से बचने और अपने स्थानीय परिसर से बाहर कम से कम आने-जाने” के लिए कहा गया था। परामर्श में ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग और चटगांव, राजशाही, सिलहट और खुलना स्थित सहायक उच्चायोगों के 24 घंटे के आपातकालीन नंबर सूचीबद्ध किए गए थे। समाचार रिपोर्टों के अनुसार, सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में कम से कम 39 लोगों की जान चली गई है। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों को जला दिया है और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है।
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