संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) के अध्यक्ष मनोज सोनी (Manoj Soni) ने अपने कार्यकाल में पांच साल शेष रहते हुए अचानक इस्तीफा (Resignation) दे दिया है। मनोज सोनी ने निजी कारणों (Personal Reasons) से इस्तीफा दिया है। मनोज सोनी 2017 में आयोग के सदस्य बने और 16 मई 2023 को अध्यक्ष का पद संभाला।
सूत्रों के अनुसार, मनोज सोनी ने एक महीने पहले ही राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। हालांकि, यह साफ नहीं है कि उनका इस्तीफा स्वीकार किया जाएगा या नहीं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उनके इस्तीफा देने का फैसला यूपीएससी उम्मीदवारों (UPSC Aspirants) द्वारा नौकरी पाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे फर्जी प्रमाणपत्रों के विवाद से संबंधित नहीं है।
UPSC chairman Manoj Soni tenders resignation due to personal reasons. His resignation has not been accepted yet: Department of Personnel and Training (DoPT) Sources
— ANI (@ANI) July 20, 2024
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व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा
यूपीएससी के अध्यक्ष मनोज सोनी का कार्यकाल 2029 में समाप्त हो रहा है। हालांकि, उससे पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया। सोनी जून 2017 में यूपीएससी में सदस्य के रूप में शामिल हुईं। 16 मई 2023 को उन्हें केंद्रीय लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाया गया। मनोज सोनी गुजरात में स्वामीनारायण पंथ की एक शाखा अनुपम मिशन को अधिक समय देना चाहते हैं। इसीलिए उन्होंने यूपीएससी चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है।
सोनी 40 साल की उम्र में कुलपति बने
जून 2017 में यूपीएससी में शामिल होने से पहले, मनोज सोनी ने अपने गृह राज्य गुजरात में दो विश्वविद्यालयों के कुलपति के रूप में तीन कार्यकाल दिए। 2005 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें एमएस विश्वविद्यालय, वडोदरा के कुलपति के रूप में नियुक्त किया, जब वह केवल 40 वर्ष के थे। वह इस पद पर पहुंचने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति थे। डॉ. मनोज सोनी ने 2015 तक दो कार्यकाल तक सेवा की। उन्होंने बाबासाहेब अम्बेडकर मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में भी काम किया है।
पूजा खेडकर विवाद से क्या संबंध है?
जून 2017 में यूपीएससी में नियुक्ति से पहले मनोज सोनी अपने गृह राज्य गुजरात में दो विश्वविद्यालयों में तीन बार कुलपति रह चुके हैं। सोनी 2015 तक दो बार डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि मनोज सोनी के इस्तीफे का प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर विवाद से कोई लेना-देना नहीं है।
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