Muslim Nation: हिंदुओं के खिलाफ खतरनाक षड्यंत्र!

जबसे इस धरती पर मानव का जन्म हुआ, तब से ही सनातन धर्म का उद्गम माना जाता है। सच कहें तो यह कोई धर्म नहीं, बल्कि जीवन पद्धति है।

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महेश सिंह

Muslim Nation: भारत घोषित रूप से हिंदू राष्ट्र (Hindu Nation) नहीं है, लेकिन इस देश की पहचान हिंदुओ से ही है। मुगलों और अंग्रेजों के आने से पहले इस देश को भारत ही कहा जाता था। वैदिक काल में देश को हिंदुस्थान कहने का कोई प्रमाण नहीं मिलता। हमारे धर्म ग्रंथों में जंबू द्वीप, भारत, भारत वर्ष या आर्यावर्त कहे जाने का प्रमाण मिलता है। सदियों बाद जिसे हिंदू धर्म कहा जाने लगा , वास्तव में वह सनातन धर्म है।

जबसे इस धरती पर मानव का जन्म हुआ, तब से ही सनातन धर्म का उद्गम माना जाता है। सच कहें तो यह कोई धर्म नहीं, बल्कि जीवन पद्धति है। जीओ और जीने दो सनातन धर्म का आधार स्तंभ है। पृथ्वी, जल, पावक, पवन तथा सूर्य आदि की पूजा करने की परंपरा थी, क्योंकि ये मानव के जीने के लिए अनिवार्य थे। इनके बिना मानव का जीना लगभग असंभव था, आज भी है और हमेशा रहेगा।

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कल के कायर हिंदू आज के मुसलमान!
हम इन सब बातों का जिक्र इसलिए कर रहे हैं, ताकि ये बात लोगों की समझ में आ जाए, कि तब इस पृथ्वी पर सिर्फ सनातन धर्म हुआ करता था। तब बौद्ध, जैन, सिख और ईसाई तथा इस्लाम धर्म का नामोनिशान नहीं था। लेकिन बाद में सनातनी लोग अन्य धर्मों में बंटते गए। लगभग 2000 वर्ष पहले ईसाई और 613 इस्वी के आसपास इस्लाम धर्म का उद्गम हुआ। भारत में आज जो ईसाई और मुसलमान हिंदुओं के खिलाफ आग उगल रहे हैं, उनमें से विदेश से आए हुए लोग 5 प्रतिशत भी नहीं हैं, वे यहीं के सनातनी यानी हिंदू हैं, जो बाद में धर्मांतरण कर ईसाई और मुसलमान बन गए। उन्होंने धर्मांतरण कोई इच्छा या खुशी से नहीं किया बल्कि उनकी मजबूरी थी। इतिहास बताता है कि वे या तो जमीन जायदाद या ऊंचे ओहदे के लालच में ईसाई या मुस्लिम बन गए, या फिर उन्होंने विदेशी मुस्लिम आक्रांताओं और मुगलों की प्रताड़ना से बचने के लिए धर्म परिवर्तन कर लिया। इसलिए कहा जाता है कि आज के ईसाई-मुसलमान कल के कायर हिंदू हैं। इस बात में दम है। लेकिन आज वे ही लोग आतंक और नफरत फैलाकर हिंदूओं को तरह-तरह से प्रताड़ित करने का षड्यंत्र रच रहे हैं। वे इस देश को मुस्लिम राष्ट्र बनाने का खतरनाक षड्यंत्र रच रहे हैं।

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भ्रम में हिंदू
हालांकि देश के ज्यादातर हिंदू इस भ्रम में जी रहे हैं, कि सनातन और हिंदू तथा हिंदुत्व कभी खत्म नहीं होगा। उपरोक्त बातें ऐसे लोगों को आईना दिखाने के लिए काफी हैं। आज अखंड भारत में जो मुसलमान हैं, उनमें से ज्यादातर कभी सनातनी यानी हिंदू हुआ करते थे। आज हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश घोषित रूप से मुस्लिम राष्ट्र है, जो आजादी से पहले यानी 1947 से पूर्व भारत का भाग हुआ करता था। अब उन राज्यों में हिंदुओं का जीवन नरक हो गया है। उन देशों की बात छोड़ भी दें और भारत की स्थिति की ही बात करें तो भी भयावह है।

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नौ राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक
देश के नौ राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हो गए हैं। इनमें लद्दाख, मिजोरम, लक्ष्यद्वीप, कश्मीर, नागालैंड, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, पंजाब और मणिपुर शामिल हैं। इन राज्यों में ईसाई और मुसलमान बहुसंख्यक हो गए हैं। जो जम्मू-कश्मीर आज भारत और भारतीयों के लिए कभी न भरने वाला जख्म बन गया है, वहां कभी हिंदू बहुसंख्यक हुआ करते थे और हिंदू राजाओं का शासन हुआ करता था। इससे पहले की बात करें आज जहां कश्मीर है, वहां स्थित झील में असुर रहा करता था। उसके उपद्रव से लोगों का जीना दुश्वार हो गया था। देवताओं के आग्रह पर ऋषि ने वहां स्थित एक झील को अपने तप के बल से रिक्त कर दिया। इसके साथ ही उस असुर का अन्त हो गया और उस स्थान पर घाटी बन गई। कश्यप ऋषि द्वारा असुर को मारने के कारण ही घाटी को कश्यप मार कहा जाने लगा। यही नाम कलांतर में कश्मीर हो गया।

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1990 के नरसंहार का काला इतिहास
आज कश्मीर में हिंदुओं की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। 1990 की घटना याद कर आज भी कश्मीरी पंडितों का कलेजा कांप उठता है। कश्मीरी हिंदुओं का वहिर्गमन वर्ष 1989 के अन्तिम चरण से लेकर 1990 के आरम्भिक दिनों तक जेकेएलएफ औऱ अन्य इस्लामी उपद्रवियों द्वारा निशाना बनाए जाने की शुरुआत के तुरन्त बाद हुए हिंदू विरोधी नरसंहारों और हमलों की श्रृंखला को संदर्भित करता है, जिसमे अंततः कश्मीरी हिंदू घाटी छोड़कर भागने को मजबूर हुए थे। जिहादी इस्लामिक ताकतों ने कश्मीरी पंडितों पर ऐसा कहर ढाया कि उनके लिए सिर्फ तीन ही विकल्प थे – या तो धर्म बदलो, मरो या पलायन करो। 2026 में कश्मीर घाटी में केवल 2-3 हजार हिन्दू ही शेष हैं, जबकि सन 1990 में कश्मीर घाटी में रहने वाले हिन्दुओं की संख्या लगभग 6 लाख थी।

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मुस्लिम राष्ट्र बनाने का एजेंडा
आज भारत में मुसलमानों की आबादी 20 करोड़ से अधिक हो गई है। वे भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने के एजेंडा चला रहे हैं। इसके लिए वे तीन-चार शादियां कर कर रहे हैं और अधिक बच्चे कर अपनी आबादी बढ़ाने का षड्यंत्र रच रहे हैं। दूसरी तरफ हिंदू ये मान कर चल रहे हैं कि हमें कोई परेशानी नहीं होगी। हिंदुओं ने जहां बच्चे पैदा कम कर दिए हैं, वहीं कुछ हिंदू मुसलमानों को शह उनके एजेंडे को पूरा करने में सहयोग दे रहे हैं। वे मुसलमानों के साथ मिलकर हिंदुओं के ही खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं। वे भूल रहे हैं कि जिस दिन मुसलमानों की आबादी 50 प्रतिशत तक हो जाएगी, उस दिन यह देश पाकिस्तान और बांग्लादेश बन जाएगा और हिंदुओं की स्थिति वही होगी, जो वर्तमान में इन देशों में है।

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कुंभकर्णी नींद से जागने का समय
कहने के मतलब भ्रम में मत रहो। हिंदुओ, जाग जाओ और आंखें खोलकर देखो। मुसलमानों की बढ़ती आबादी और शक्ति को देखो और इतिहस से सबक लो। इस भ्रम में मत रहो कि सनातन और सनातनियों को आज तक कोई समाप्त नहीं कर सका है। याद करो कल तक अखंड भारत तुम्हारा था और आज तुम सिमटते-सिमटते 70 प्रतिशत के आसपास आ गए हो। अपने ही देश में नौ राज्यों में तुम अल्पसंख्यक हो गए हो। आगे अन्य राज्यों में भी इसी तरह का षड्यंत्र चल रहा है।

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मुसलमानों का खतरनाक एजेंडा
कई ऐसे प्रमाण मिले हैं, जिससे यह पता चलता है कि मुसलमान इस देश को मुस्लिम राष्ट्र बनाने का षड्यंत्र रच रहे हैं। इस षड्यंत्र को हल्के में लेना मूर्खता होगी। इस्लाम पूरी दुनिया में सबसे तेजी से फैलने वाला धर्म है। जितनी तेजी से मुस्लिम आबादी बढ़ रही है, उस हिसाब से भी वर्ष 2070 तक दुनिया में इस्लाम धर्म को मानने वालों की संख्या सबसे ज्यादा होगी। प्यू रिसर्च सेंटर की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2060 तक पूरी दुनिया में मुस्लिम धर्म को मानने वालों की कुल आबादी साल 2015 के मुकाबले 70 प्रतिशत बढ़ जाएगी।

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कहीं देर न हो जाये!
आतंकवाद, धर्मांतरण, अधिक बच्चे पैदा करना, ये सब उनके खतरनाक षड्यंत्र के हिस्सा हैं। अब भी नहीं जागे तो सोच लो कि हमारी आने वाली पीढ़ियों के साथ क्या होगा। याद करो 1990 में कश्मीर में क्या हुआ था, देश के उन क्षेत्रों में क्या हो रहा है, जहां मुस्लिम आबादी 50 प्रतिशत से अधिक है, पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ क्या हो रहा है?

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