दिल्ली उच्च न्यायालय ने देश की राजधानी के कई क्षेत्रों में प्रवासी मजदूरों की भीड़ को लेकर दिल्ली की केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई है। न्यायालय ने कहा है कि सरकार ने 2020 में लॉकडाउन के दौरान घटी घटनाओं से कोई सबक नहीं लिया। न्यायालय ने ये भी कहा है कि सरकार प्रवासी मजदूरों के लिए उचित साधन और सुविधाओं का प्रबंध करने में असफल साबित हुई है। इस वजह से दिल्ली में दिहाड़ी मजदूरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
Delhi Govt Failed To Do Enough For Migrants, Daily Wagers; Avoid Repeat Of 2020 Lockdown Sufferings : Delhi High Court @CMODelhi https://t.co/8BjCFUQhIT
— Live Law (@LiveLawIndia) April 20, 2021
यूपी के मंत्री ने भी साधा निशाना
न्यायालय के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री सिद्धार्थ एन सिंह ने भी दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार की गलत नीतियों की वजह से गाजियाबाद और नोएडा की सीमाओं पर बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर इकट्ठा हो गए हैं। उन्होंने कहा कि इन मजदूरों को दिल्ली सरकार ने अपने हाल पर छोड़ दिया है। सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 19 अप्रैल की रात करीब एक लाख श्रमिकों के उनके मूल स्थान पहुंचने में मदद की।
लॉकडाउन लागू होने के बाद बिगड़ी स्थिति
बता दें कि देश की राजधानी में कोरोना की सुनामी पर नियंत्रण के लिए केजरीवाल सरकार ने 26 अप्रैल तक लॉकडाउन लागू कर दिया है। इस वजह से प्रवासी मजदूरों का पलायन शुरू हो गया है और रेलवे स्टेशन के सथ ही बस स्टैंड्स पर मजदूरों की भारी भीड़ देखी जा रही है।
श्रमिकों को है इस बात का डर
प्रवासी मजदूरों को यह डर सता रहा है कि दिल्ली में लॉकडाउन आगे भी बढ़ सकता है। इस हालत में वे अपने सभी सामान के साथ घर लौट रहे हैं। बता दें कि लॉकडाउन के कारण उनके काम-धंधे बंद हो गए हैं और उनको डर लग रहा है कि एक बार अगर वे यहां फंस गए तो उनके लिए जीना मुश्किल हो जाएगा।