Madhya Pradesh: निजी स्कूल में छात्रों को संस्कृत श्लोक पढ़ने से रोका, एबीवीपी ने ऐसे किया विरोध

गुना शहर में निजी स्कूल में छात्रों को संस्कृत के श्लोक पढ़ने से रोकने के मामले में 22 जुलाई को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने स्कूल के बाहर प्रदर्शन करते हुए जमकर हंगामा किया।

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Madhya Pradesh के गुना शहर में निजी स्कूल में छात्रों को संस्कृत के श्लोक पढ़ने से रोकने के मामले में 22 जुलाई को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने स्कूल के बाहर प्रदर्शन करते हुए जमकर हंगामा किया। इस दौरान पुलिस से धक्कामुक्की की। नारेबाजी भी की गई। कार्यकर्ताओं ने स्कूल बंद कराने की धमकी भी दी। वे स्कूल में छात्र को संस्कृत के श्लोक पढ़ने से रोकने पर नाराज थे। कार्यकर्ताओं की शिकायत के बाद स्कूल की प्रिंसिपल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया। हालांकि, स्कूल प्रिंसिपल ने माफी भी मांग ली।

टीचर ने छीन लिया माइक
जानकारी के अनुसार, 15 जुलाई को वंदना कॉन्वेंट स्कूल में प्रार्थना के दौरान छठवीं क्लास के तीन छात्र संस्कृत का श्लोक पढ़ रहे थे। इसी दौरान मौजूद टीचर ने उससे माइक छीन लिया और डांट लगाते हुए कहा कि ‘श्लोक यहां नहीं पढ़ा जाएगा। कोई भी छात्र हिंदी में नहीं बोलेगा। यहां केवल अंग्रेजी बोली जाएगी।’यह कहकर उसे हटा दिया गया। छात्रों ने यह बात परिजनों को नहीं बताई थी। शनिवार को एक छात्र ने बातों ही बातों में अपने पिता को ये बात बता दी। इसके बाद मामला सामने आया। छात्र के पिता ने हिंदू संगठनों और एबीवीपी कार्यकर्ताओं को बता दिया। जिला शिक्षा अधिकारी से भी शिकायत कर दी।

टीचर की सफाई
इसके बाद 21 जुलाई को जिला शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर सिसौदिया ने स्कूल के प्रिंसिपल को नोटिस दिया। जवाब में स्कूल मैनेजमेंट ने शाम 6 बजे तक सफाई पेश की। जिसमें कहा गया कि सुबह असेंबली के दौरान सिलेक्टेड छात्रों की स्पीच का क्रम हिन्दी व इंग्लिश में दिया जाता रहा है। उस दिन में अंग्रेजी में स्पीच देना तय था, लेकिन छात्र ने स्पीच संस्कृत में शुरू की। टीचर ने हिंदी में बोलने के लिए कहा। प्रार्थना सभा में रोजाना विभिन्न धर्म ग्रन्थों से लिए उद्धरण बोले जाते हैं।

22 जुलाई को मामले ने पकड़ लिया तूल
मामले ने 22 जुलाई को उस समय तूल पकड़ लिया, जब सुबह करीब 11 बजे एबीवीपी के कार्यकर्ता इसके विरोध में इकट्‌ठा होकर स्कूल पहुंच गए। सूचना पर पुलिस बल भी मौके पर पहुंच गए। कार्यकर्ताओं ने पहले स्कूल का गेट खोलने की कोशिश की। जब गेट नहीं खुला, तो उसके ऊपर चढ़कर अंदर चले गए। यहां रिसेप्शन पर पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ता स्कूल प्रिंसिपल को बुलाने पर अड़ रहे। कुछ देर बाद प्रिंसिपल सिस्टर कैथरीन ने माफी मांगी। उन्होंने कहा, ‘उस दिन अंग्रेजी में बोलने का दिन था, इसलिए छात्र को रोका गया था। अगर किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची हो, तो माफी मांगती हूं। मैं सभी धर्मों का आदर करती हूं।

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कार्यकर्ताओं की मांग
कार्यकर्ताओं की मांग थी कि स्कूल प्रबंधन पर एफआईआर दर्ज की जाए। साथ ही, जो श्लोक पढ़ने से छात्र को रोका गया, अब उस श्लोक को रोज स्कूल में पढ़ा जाए। साकरीब दो घंटे तक हंगामा चलता रहा। मौके पर जिला शिक्षा अधिकारी भी पहुंच गए थे। उन्होंने आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ। कार्यकर्ता सक्षम दुबे की शिकायत पर कोतवाली में सिस्टर कैथरीन पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

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