जॉनसन एंड जॉनसन का एक डोज ही काफी! पूरी जानकारी के लिए पढ़ें ये खबर

स्पुतनिक-वी को भारत में इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के बाद जॉनसन एंड जॉनसन ने भी दवा नियामयक से अपने टीके के तीसरे फेज के ट्रायल की अनुमति मांगी है।

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तेज रफ्तार से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बीच देश को दो और कोरोना रोधी टीका जल्द ही मिल सकेंगे। रूस के कोविड रोधी टीका स्पुतनिक-वी का पहला बैच अगले 10 दिनों के भीतर भारत पहुंच जाएगा। वैक्सीन का उत्पादन भारत में मई में शुरू होगा और एक महीने में इसका उत्पादन 50 मिलियन खुराक हो जाने की संभावना है। इस बीच दवा निर्माता कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने भारत के दवा नियामयक से अपने टीके के तीसरे फेज के ट्रायल की अनुमति मांगी है। कंपनी का दावा है कि कोरोना को हराने के लिए उसका एक ही टीका काफी है।

शीघ्र बैठक बुलाने का आग्रह
जॉनसन एंड जॉनसन ने अपने आवेदन पर निर्णय लेने के लिए भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन यानी सीडीएससीओ की कोविड-19 संबंधी विशेषज्ञ समिति की बैठक शीघ्र बुलाने का आग्रह किया है। कंपनी का यह आग्रह ऐसे समय में आया है, जब भारत सरकार ने उन सभी विदेशी टीकों को आपात इस्तेमाल की मंजूरी देने का निर्णय लिया है, जिन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन या अमेरिका, यूरोप, ब्रिटेन या जापान में नियामकों से मंजूरी मिल चुकी है।

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12 अप्रैल को किया आवेदन
जॉनसन एंड जॉनसन ने 12 अप्रैल को सुगम ऑनलइन पोर्टल के माध्यम से यह आवेदन किया है। जानकारी मिली है कि पोर्टल की तकनीकी समस्याओं के कारण कंपनी ने 19 अप्रैल को दोबारा इसके ट्रायल की मंजूरी के लिए आवेदन किया है।

वर्तमान में दो टीके का उपयोग
स्पुतनिक-वी, कोविड -19 के खिलाफ भारत में इस्तेमाल होने वाला तीसरा टीका होगा। फिलहाल देश में पुणे में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के दो कोविड -19 वैक्सीन – कोवैक्सिन और कोविशील्ड उपलब्ध हैं। भारत कोरोनो वायरस के खिलाफ रूसी स्पुतनिक-वी वैक्सीन के उपयोग को अधिकृत करने वाला 60 वां देश है।

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