Uttar Pradesh: प्रदेश की प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्नपत्र आउट करने वाले गिरोह के खिलाफ कौशांबी पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत 23 लोगों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की है। पुलिस ने गैंग को इंटर स्टेट गैंग माना है। पुलिस अधाीक्षक बृजेश श्रीवास्तव ने कहा है कि पुलिस अब प्रशासन की मदद से गैंग द्वारा अर्जित संपत्ति को सरकारी कब्जे मे लेने की तैयारी कर रही है।
मुख्यमंत्री योगी के आदेश पर त्वरित कार्रवाई
पिछले कुछ महीनों में प्रदेश के विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक होने के कई मामले सामने आए थे। सबसे बड़ा मामला तब सामने आया जब 11 फरवरी 2024 को आयोजित आरओ-एआरओ परीक्षा का प्रश्नपत्र परीक्षा से पहले ही लीक हो गया। इस घटना से छात्रों में भारी आक्रोश फैल गया और प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद एसटीएफ़ ने मामले में ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए गैंग के सरगना सहित उसे अन्य राज्यों में फैले सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल के सलाखों के पीछे भेजा। गिरोह का सरगना राजीव नयन मिश्र उर्फ राहुल कुमार मिश्र, जो प्रयागराज के अमौरा मेजा का निवासी है, लेकिन वर्तमान में भोपाल में रह रहा था। गिरोह में बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के सदस्य भी शामिल थे। इस गिरोह का मुख्य उद्देश्य परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक कर छात्रों से मोटी रकम वसूलना था।
इन आरोपियों पर लगा गैंगस्टर एक्ट
गिरफ्तार किए गए गिरोह के लोगों में प्रमुख नाम राजीव नयन मिश्र उर्फ राहुल कुमार मिश्र, सुभाष प्रकाश, रवि अत्री, विक्रम पहल, सुनील रघुवंशी, अमरजीत शर्मा, विशाल दुबे, संदीप पाण्डेय, विवेक उपाध्याय, आयुष पाण्डेय, पुनीत सिंह, नवीन सिंह, अरूण कुमार सिंह, अमित सिंह, डॉ. शरद सिंह, अभिषेक शुक्ला, कमलेश कुमार पाल, अर्पित विनीत जसवन्त, सौरभ कुमार शुक्ला, प्रभात कुमार सिंह, पंडित जी उर्फ देवप्रकाश पाण्डेय, रोशन सिंह पटेल, और संतोष कुमार चौरसिया शामिल हैं।
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गैंगेस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरु
एसपी बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मंझनपुर थाना पुलिस ने गैंगेस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज कर अग्रिम कार्यवाही शुरू की है। पुलिस अब प्रशासन की मदद से बदमाशों की अपराध के जरिये जुटाई गई संपत्ति को सरकार के कब्जे मे लेने की तैयारी कर रही है। उन्होंने जनता से अपील की है कि वे सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। इस कार्रवाई के बाद उम्मीद है कि प्रतियोगी परीक्षाओं की शुचिता बहाल होगी। छात्रों को निष्पक्ष परीक्षा देने का मौका मिलेगा लेकिन प्रश्नपत्र लीक करने वाले गिरोहों की चुनौती अभी भी बाकी है।